जिम्मेदारीयां कभी ख़त्म नहीं होंगी – कृति गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज नेहा का पहला दिन था ऑफिस में, कदम रखते ही मैनेजर नें कहा- त्यौहार का दिन हैं कम से कम थोड़ा जल्दी आ सकती थी।  नेहा बोलना चाह रही थी कि सर आज मेरा पहला दिन हैं तो सादी पहनने में लेट हो गया, मगर कह ना सकी, मैनेजर ने उसे सीधा मंगलसूत्र के … Read more

सिर्फ बहु से बेटी बनने कि उम्मीद क्यों??? – कृति : Moral Stories in Hindi

आज निशा का आखिरी दिन था उसके ससुराल में। वैसे तो कई सारी यादें हैं जो उसके जीने के लिए काफ़ी थे मगर ये यादें सिर्फ उसके लिए थे क्यूंकी, सागर को तो फर्क ही नहीं पड़ता था कि वो घर में है भी या नहीं। उसको सिर्फ मतलब था तो सिर्फ इतना को उसका … Read more

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