जिम्मेदारीयां कभी ख़त्म नहीं होंगी – कृति गुप्ता : Moral Stories in Hindi
आज नेहा का पहला दिन था ऑफिस में, कदम रखते ही मैनेजर नें कहा- त्यौहार का दिन हैं कम से कम थोड़ा जल्दी आ सकती थी। नेहा बोलना चाह रही थी कि सर आज मेरा पहला दिन हैं तो सादी पहनने में लेट हो गया, मगर कह ना सकी, मैनेजर ने उसे सीधा मंगलसूत्र के … Read more