“बंधन प्यार का” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

सत्यवती जी का घर हमेशा स्नेह और प्रेम से भरा रहता था। उनका परिवार संयुक्त था और आपस में एकता की मिसाल था। उनके दो बेटे थे, और दोनों ही अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ साथ में रहते थे। बड़ी बहू का नाम सुनीता था और छोटी बहू का नाम राधा। सुनीता शांत और … Read more

भेदभाव – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

इस कहानी में समाज के पुराने रूढ़िवादी विचारों, औरतों के संघर्षों, उनकी भावनाओं और आपसी प्रेम का सुंदर चित्रण है। यह कहानी एक ऐसी महिला, बड़की बहू, की है जो एक बेटी की माँ है, लेकिन बेटे की माँ न बन पाने की टीस उसके दिल में हमेशा से है। रमा चाची जैसे लोग, अपनी … Read more

दस रुपए की तोरई – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

साल भर से बिस्तर पर पड़ी अम्मा जी की तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। पहले तो सब उम्मीद लगाए बैठे थे कि अम्मा जी जल्दी ठीक हो जाएंगी और घर में पहले जैसी रौनक लौट आएगी। पर जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, उनकी हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती गई। अब सरला के लिए ये सब … Read more

बीमार मैं नहीं आप हैं – कविता भड़ाना  : Moral Stories in Hindi

रिया की जिंदगी में एक समय ऐसा आया जब उसके पति का अचानक निधन हो गया। इस हादसे ने उसे अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया था। वह हमेशा हंसमुख और आत्मविश्वासी रही थी, लेकिन पति के जाने के बाद उस पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अपने पति के बिना जीवन में आगे … Read more

किस्मत – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और निर्मला एक ही सोसायटी में वर्षों से रहते आ रहे थे। निर्मला सुप्रिया के घर में काम करती थी। दोनों के बीच आम तौर पर ठीक-ठाक रिश्ता था, मगर आज एक छोटी-सी बात पर मतभेद ने गहरी खाई बना दी। सुप्रिया को अपनी बाई निर्मला से अचानक यह अपेक्षा हो गई थी कि … Read more

“ठोकर” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

प्रिया  #रोते रोते बस अपनी किस्मत को ही कोसे जा रही थी, आखिर ऐसा क्या पाना था, जिसकी चाहत में आज वो अपना सब कुछ गवा बैठी है…  माता पिता की लाडली बिटिया प्रिया, अपनी खूबसूरती और अच्छे व्यवहार से किसी का भी दिल जीत लेती थी, मगर कॉलेज में आते आते, गैर धर्म के … Read more

“खूबसूरती रिश्तों की” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

“खुशी जल्दी उठो बेटा दामाद जी का फोन है”…  “क्या मम्मी अमित यहां भी चैन से नहीं रहने दे रहे, अभी कल ही तो आई हूं, ऐसी भी क्या आफत आ गई जो सुबह सुबह फोन कर रहे है”… खुशी ने गुस्से से बड़बड़ाते हुए फोन ले लिया… थोड़ी देर अमित से बात करके खुशी … Read more

“पिंजरा”- कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

विनीता के कानों में विदाई के समय, पिता के द्वारा दी गई नसीहत अभी भी गूंज रही थी…”आज से ससुराल ही तेरा असली घर है, हंसी खुशी आएगी तो पीहर के द्वार सदा खुले पाएगी लेकिन ससुराल से कोई शिकायत आई तो इस घर के दरवाज़े अपने लिए सदा के लिए बंद ही समझना”…. विनीता … Read more

“कच्चे धागे ” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

राज और प्रिया की शादी को अभी चार महीने ही हुए है, दोनों ने मां बाप के खिलाफ जाकर शादी की थी और एक नए शहर में जाकर अपनी गृहस्थी बसा ली…. राज को एक बहुत अच्छी कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन प्रिया का प्रयास अभी जारी था, वह घर पर रहकर ही नौकरी … Read more

जिंदगी हसीन है – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

“जिंदगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है” दूर कहीं बज रहे इस गाने के बोल मानो राजीव की ही दास्तां बयां कर रहे थे।…आज एक अरसे बाद सुबह की लालिमा, नीला आसमां और पक्षियों की कूक से राजीव के दिल में एक हूक सी उठी और उसने अपना चेहरा सामने लगे … Read more

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