एक्सपायरी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ, आपके बिना घर बड़ा सूना हो गया था । पापा भी एकदम अकेले से हो गए थे । आगे से जाओ तो दोनों साथ  जाना । अच्छा… अभी तो कह रही थी कि घर सूना हो गया,अब कह रही है कि पापा को भी साथ ले जाना । अरे…. माँ! मेरे शब्दों पर मत … Read more

बड़ा दिल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

नीलम ! कल जब तू यहाँ से उठ के चली गई थी तो तुम्हारी मम्मी का फ़ोन था ना ? सब ठीक- ठाक तो है? हाँ माँ…. सब ठीक है, मैंने सोचा कि शायद मम्मी मकर- संक्रांति की कोथली के बारे में बात करेंगी …इसलिए उठकर बाहर चली गई पर वे तो वैसे ही फ़ोन … Read more

ईश्वर अपने बंदों के साथ कभी बेइंसाफ़ी नहीं होने देता – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मेरी आँखों के सामने से दूर हो जा सुरभि! ससुराल से शिकायत और ऐसी कि मेरी परवरिश पर ही उँगली उठ गई , क्या यही संस्कार दिए थे मैंने कि कल को कोई ये कहें कि आपकी बेटी में तो इंसानियत ही नहीं है , पर तेरा भी क्या क़सूर है… हमारे दिए संस्कारों में … Read more

अपमान बना वरदान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

ये कैसी बात कर रही हो सुजाता! नंदिनी की शादी तुम्हारे भाई के साथ, वैसे क्या जोड़ है …. हाँ…मेरे हिसाब से तो ठीक है दोनों का जोड़ … फिर समीर को नंदिनी बहुत पसंद आई थी । तुम्हारी सगाई के दिन उसे देखकर मेरा भाई लट्टू हो गया था उस पर …. छह महीने … Read more

करियर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ , कल ग़ाज़ियाबाद जाना है तो आरती के लिए गाजर का हलवा बना दो , ले जाऊँगा । कुणाल ट्यूशन से आता ही होगा , सामान ले आएगा ।  बता ! एक- आध दिन पहले बता देता तो तिल के लड्डू भी बना देती । अब कल जाना है और अब बता रहा है … Read more

नया फ़्लोर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

किससे बात कर रही थी सीमा ? खाना दे दो फिर मुझे बाज़ार जाना है… वो रसोई के केबिन लगवाने के लिये कुछ सैंपल लाने हैं । बहुत देर से इंतज़ार कर रहा था कि कब तुम फ़ोन रखोगी ।  जी-जी ….. बस अभी सेकी गर्म-गर्म रोटियाँ । वो वीना दीदी का फ़ोन था , … Read more

पछतावे के आँसू – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रोनित  , कब  तक तुम छुट्टी लोगे यार …. तुम्हारा और  चंचल भाभी का इतना ही साथ था । जीवन में आगे बढ़ना ही पड़ेगा । मैं और इशिता भारत जा रहे हैं । तुम भी चलो ….. कैसे जाऊँ? एक तो मैंने घर में बिना बताए शादी की । ऊपर से छोटी सी रुमी … Read more

कलयुग की यशोदा माँ – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सरोज! अब मेरी भी टिकट बुक करवा दो । ब्याह के पूरे एक महीने पहले आ गई थी । सारे काम बढ़िया से निपट गए , बहू- बेटा भी घूमफिर कर आ गए । ब्याह की थकान भी उतर गई , भई ! अब मत रुकने को कहना ।  चलो ठीक है जीजी ! कल … Read more

अपमान – करुणा मलिक: Moral Stories in Hindi

रवीश , आप क्यों बार-बार चाहत को यह महसूस कराना चाहते हो कि अभि से शादी करनी उसकी गलती है। जब हमारी बेटी उसके साथ खुश है तो फिर परेशानी क्या है?  वो उसके साथ खुश नहीं है गीता ! कमाल है कि तुम माँ होकर भी अपनी बेटी का चेहरा नहीं पढ़ सकती । … Read more

वो दो साल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती हो और फिर सहने की ज़रूरत भी क्या है? जब भी अपने मायके जाती हो , हमेशा परेशान होकर ही आती हो । जब वहाँ आपको मान- सम्मान मिलता ही नहीं तो रिश्ता ख़त्म करके अपने घर में सुख- चैन से रहो । सुबह भाई से बात … Read more

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