सुकून – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

दीदी ,  आप  इतनी देर से क्या ढूँढ  रही है इस अलमारी में?  पूरा घंटा बर्बाद हो गया…. मैंने पूरी अलमारी तीन-तीन बार छान डाली पर साड़ी नहीं मिली । माँ की एक पिंक साड़ी ढूँढ रही हूँ , नानी की निशानी है ।  पिंक साड़ी? सफ़ेद मोतियों वाली ? जो माँ के पास नानी … Read more

बड़ी बहू – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

निखिल! सबसे पहले तुम दोनों बड़ी बहू का आशीर्वाद लेकर आओ फिर मंदिर में दीया जलाना ।  बड़ी बहू- यह शब्द सुनते ही परिधि के कान खड़े हो गए । निखिल ही तो बड़ा बेटा है पूरे परिवार में यानि दोनों चाचा ससुर, दोनों बुआ सास , यहाँ तक कि ननिहाल की तरफ़ भी सबसे … Read more

मार्गदर्शन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

पारो !  क्या हो रहा था बराबर वाले घर में सुबह- सुबह….  मेरी जेठानी की  ऊँची- ऊँची आवाज़ें आ रही थी कि  बेटा , इतने जतनो से पाला और इस कल की आई के लिए हमें छोड़कर जा रहा है ।  अमित कहीं चल पड़ा या सुमित  ? अच्छा हुआ…. इनके साथ ऐसा ही होना … Read more

आशंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मानसी , कल विदाई के समय पता नहीं …जी भरके गले लगा पाऊँ या नहीं; अपना ध्यान रखना बहन । अब तो न जाने कब मिलना होगा? देवेश ने अपनी छोटी बहन मानसी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए कहा । पर क्यों मिलना नहीं होगा  भैया ? आप दीदी के पास भी … Read more

वक़्त की सीख – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

ताईजी..ताईजी….ताईजी…. बैठिए, थोड़ा सा सूप पी लीजिए। मन नहीं है बेटा, रख दे । बाद में पी लूँगी । नहीं ताईजी, गर्म- गर्म पी लीजिए । आपने सुबह से कुछ नहीं खाया । आपके सामने ही  डॉक्टर साहब ने कहा था कि कुछ न कुछ खाते रहना । और ताईजी, बिना खाए- पिए तो दवाई … Read more

असली मुजरिम – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

श्रुति! तुमने बहुत दिनों से लौकी के कोफ़्ते नहीं बनाए , इस संडे बना लो …मैं लौकी घिसने में मदद कर दूँगा ।  श्रुति ने पति वैभव की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वह सोने के कमरे में चली गई । उसने अलमारी से कंबल निकाला । वैसे रसोई का काम करते समय … Read more

मूल्यांकन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

दीदी! बड़े भाई का फ़ोन आया था… बाबूजी के श्राद्ध के दिन मुझे पहुँचने को कह रहे थे । आप तो जानती है कि अब मुझसे तो वहाँ रात में रुका नहीं जाता , बड़ी मुश्किल होती है और हवन सुबह आठ बजे का रखवाया है…. साढ़े सात बजे तक तो हम उठते ही है, … Read more

रिश्ते का मान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

आज प्रताप सिंह जी अकेले पार्क में पड़ी बेंच पर अकेले बैठे थे । अचानक एक ही दिन में बूढ़े नज़र आने लगे थे । आँखों पर लगाया चश्मा उतारा , साथ में लाई बोतल से दो घूँट पानी पिया और एक लंबी गहरी साँस के साथ पीछे सिर टिकाकर आँखें मूँद लीं ।  —- … Read more

आशंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मॉम , पापा अपनी मर्ज़ी हमारे ऊपर क्यों थोपते है? मैं कोई टीनएजर तो नहीं रहा अब ?  नहीं सरल , ऐसा नहीं कहते …. माता-पिता कभी अपने बच्चों का बुरा नहीं सोचते बेटा !  मैं ये नहीं कह रहा कि वो बुरा सोचते हैं पर बड़े होने के बाद बच्चों के साथ कैसा व्यवहार … Read more

मीठी तकरार – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

महिमा , कल कौन मेहमान आए थे तुम्हारे यहाँ ? मैं तो बुनाई का डिज़ाइन सीखने आई थी पर दरवाज़े पर बड़ी सी गाड़ी देखकर रुक गई , कान से लगाए तो अंदर से बहुत लोगों की आवाज़ आई… बस वहीं से उल्टे पाँव चली गई । हाँ… वे अंजलि के पीहर वाले आए थे … Read more

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