टी- सेट – करुणा मालिक 

New Project 56

दीदी! आज शाम को आप और भइया इधर आ जाना चाय पर, उज्ज्वल को देखने लड़की वाले आ रहे हैं ।  अच्छा….. वे ही देहरादून वाले ? जो रिश्ता रागिनी ने बताया था? या कोई और?  हाँ दीदी, वहीं लोग हैं । अच्छा… एक बार इधर आकर नज़र तो डाल जाइए , नाश्ते में रखने … Read more

पीढ़ियों का फ़ासला – करुणा मलिक  : Moral Stories in Hindi

New Project 97

अरे स्वाति! उठो , आज तो बहुत देर कर दी तुमने । मम्मी भी दरवाज़ा खटखटा कर गई है अभी ।  प्लीज़ राघव , पेट में बहुत तेज दर्द है मंथली प्रोब्लम के कारण ।आप ज़रा मम्मी जी को बता देना । एक टेबलेट खा लेती हूँ अभी , नाश्ते के टाइम तक उठ जाऊँगी … Read more

मनोकामना – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 37

सिद्धांत! मैं कितनी खुश हूँ, बता नहीं सकती…. अच्छा….. हमें भी तो पता चले तुम्हारी ख़ुशी का  ?  भाई दूज पर भइया- भाभी दोनों हमारे पास आ रहे हैं, अभी-अभी भाभी का फ़ोन आया था । शादी के बाद मेरी पहली भाई – दूज है । पहले मैंने सोचा था कि हम जाएँगे पर आज … Read more

सच्ची हक़दार – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 43

अम्मा, करवा चौथ आ रहा है । इस बार मेरे और  दीदी के लिए सूट कब दिलवाओगी?  ले आओ  बहू पर तुमने तो आज तक करवा चौथ पर मेरी तरफ़ से ख़रीदा कोई सूट सिलवाया ही नहीं । तुम अपनी पसंद से लाती हो फिर सारे सूट क्यों जमा कर रही हो ?  सिलवाने का … Read more

यह तो मेरी कज़िन है । – करूणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 42

कैसा लगा ससुराल, नीलू ! सास के बिना जेठानी ही तो सास नहीं बन बैठी ? सच बताऊँ, मुझे तो अजीब सा लगता है आज तक , अगर मम्मीजी घर में ना हों । भई , ससुराल तो सास से ही होता है । यार , दो ही महीने तो हुए अभी , शुरू में … Read more

सिंदूर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 91

वृंदा, कल समय पर तैयार हो लेना , मानव का रिश्ता तय हो गया और बहू को अंगूठी पहनाने चलना है तुम्हें और बुआ जी को हमारे साथ । भाभी, मम्मी जी को कह दूँगी, अभी तो वो मंदिर गई है पर माफ़  करना , मैं नहीं जा पाऊँगी ….. क्यों….. नहीं-नहीं चलना है । … Read more

सोने के कंगन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 63

मुग्धा, विवाह की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत बधाई! आज मैंने दफ़्तर से छुट्टी ली है, चलो कहीं बाहर घूम कर आएँगे और खाना भी बाहर ही खाएँगे । अरे हाँ, माँ ने विशेष रूप से कहा है कि तुम्हारी मनपसंद कोई उपहार भी दिलवा दूँ, बताओ … क्या चाहिए? आपने कह दिया तो समझो … Read more

किसी की नज़र ना लगे । – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 63

रावी , कल छोटी बहू के मम्मी- पापा आ रहे हैं, नाश्ते – पानी का अच्छे से इंतज़ाम करके रखना ।  माँजी , क्या मेघा से पूछ लूँ कि आँटी- अंकल को क्या पसंद है, उन्हीं की पसंद का बना लूँगी । अरे वो बड़े लोग हैं । उनकी पसंद के चक्कर में  सामान भी … Read more

हम तो बेटी बनाकर लाएँ है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 37

समधिन जी , आप क्यों इतना रो रही है? जब चाहें बुला लिया करना मानवी को या खुद चली आया करना , दूर ही कितना है , एक- डेढ़ घंटा बस ……देखना , कैसे बेटी बनाकर रखेंगे हम ।  मानवी के कानों में अक्सर विदाई के समय कहे गए अपनी सास अंजू के स्वर गूँजते … Read more

अपनों का साथ – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 59

बबिता  ! सुमन का फ़ोन आया था ।कनिका के लिए लड़का बता  रही थी…. रहने दो, जैसी मिडिल क्लास खुद है तुम्हारी बहन वैसा ही मिडिल क्लास लड़का बताया होगा । अब क्या हम सुमन का बताया रिश्ता देखने चल पड़े ? इतना अभिमान अच्छा नहीं होता । चार पैसे क्या आ गए कि तुमने  … Read more

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