जहाँ चाह वहाँ राह – करुणा मलिक

आज सुबह से ही बारिश की टिप-टिप लगी थी । सुहास को न जाने क्यों बारिश के दिन मालिनी की याद आ ही जाती थी । मालिनी , उसकी बेस्ट फ़्रेंड होने के साथ- साथ उसकी छोटी चचेरी बहन भी थी । पर तीन सालों से हालात ऐसे बन गए थे कि आज सुहास के … Read more

कठपुतली – करुणा मलिक :

अच्छा मौसी , चलती हूँ…. ख़्याल रखना अपना । इतना कहकर भारती गेट से बाहर निकली और सीधे घर की तरफ़ चल पड़ी । रास्ते में उसका मन बार-बार मौसी की हालत देखकर और सोचकर बेचैन हुआ जा रहा था । क्या ये वहीं मौसी हैं जिनका दबदबा केवल अपनी ससुराल और मायके में ही … Read more

फ़ैसला – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

संजीव ! जा एक बार अपनी माँ को आई० सी० यू० में जाकर देख कर आ …. बड़ा जी घबरा रहा है बेटा । बाबा , इस तरह बार-बार जाने नहीं देते …. अब तो शाम को ही जा सकते हैं । चलिए, आपको घर छोड़कर आता हूँ । अभी मीना और नीरा यहीं है … Read more

प्रामिस – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माही ! चल कल मूवी देखने चलते हैं…. पूरे एक महीने से मैं  कोई मूवी देखने बाहर नहीं गई ।  पर सृष्टि, कल तो बुआजी की बड़ी बेटी राधा दीदी तुमसे मिलने आ रही है ….. मुझसे मिलने ? पर अभी महीना भर पहले सभी रिश्तेदार मिले तो थे शादी में ।  नहीं…. राधा दीदी … Read more

चक्र – करुणा मलिक

मेघना ! मेघना …… पापा फ़ोन कर रहे हैं, उनसे बात कर लो ।  ठीक है…. कहिए उनसे , अभी पाँच मिनट में बात करती हूँ । गमलों की मिट्टी बदल रही थी…बस हाथ धो रही हूँ ।  जैसे ही मेघना ने पति संजय के मुँह से सुना कि पापा का फ़ोन है तो उसने … Read more

बेस्ट सास-बहू जोड़ी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा ! भाभी से बात कर ली क्या आपने ? कौन सी बात …. और उससे मैं क्यों बात करुँगी किसी भी बारे में? मैं क्या उसकी धौंस में रहती हूँ । अरे अम्मा, बताया तो था कि मेरी बड़ी ननद की देवरानी की बेटी की कोई ट्रेनिंग है , एक महीने की …. तो … Read more

बादल छँट गए – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मम्मी !  आज  फिर परम की मम्मी  की पाँच- सात रिश्तेदार आकर  बैठ गई और मेरी पूरी दोपहर ख़राब कर दी । सोचा था कि लंच के बाद आराम से सोऊँगी पर मेरा ऐसा नसीब कहाँ?  ऐसी कौन  सी  रिश्तेदारी की औरतें आ  गई थी आज ? हद हो गई भई , शादी के दो … Read more

प्रायश्चित – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा! राखी का फ़ोन आया था रात , उसके देवर की इच्छा है कि सगाई और शादी के बीच कम से कम चार – छह महीने का तो अंतर रखें । इतनी जल्दी में ना तो प्री वेडिंग शूट ढंग से हो पाते हैं और ना ही एक-दूसरे  को जानने समझने का मौक़ा मिलता है … Read more

जीने की कला – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मैं ज़रा दो घड़ी कल्याणी के पास जाने की सोच रही हूँ । चाय पीनी हो तो बना दूँ ? , मंगला ने अपने पति से कहा । अभी तो चाय की इच्छा नहीं…. बहुएँ तो घर में ही है ना ? पीनी होगी तो कह दूँगा चाय बनाने को …. तुम जाओ । कब … Read more

 ये हुई ना बात : Moral Stories in Hindi

माँ! आपने काजल को भात में जाने के लिए कह दिया ना ? मैं क्यूँ कहूँगी भला ? तेरे बेटे की शादी है । तुझे ले जाना हो भात नोतने में उसे ….तो कह दे नहीं तो जाने दे । चलो , मैं फ़ोन करती हूँ । माँ, कैसी बात कह दी आपने ?  आपके … Read more

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