एन ० आर० आई – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

मम्मी, रोज़ – रोज़ यहाँ नुमाइश लगाने की ज़रूरत नहीं है । मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ , फ़ोन मत करना । मैं नहीं आऊँगी फिर मत कहना कि तुम्हारी बेइज़्ज़ती हो गई । सोना …. सुन तो सही , बहुत अच्छा खाते- पीते घर का लड़का है, सरकारी नौकरी है ।  … Read more

शशि बेडरूम में पहुँचते ही बड़बड़ाते हुए बोली – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

शशि बेडरूम में पहुँचते ही बड़बड़ाते हुए बोली  घर में दो-दो बहुएँ है पर मजाल है कि कोई काम बिना कहे कर लें । अगर मैं ना हूँ तो इस घर में तीज- त्योहार भी मनने बंद हो जाएँगे । क्या अनाप-शनाप बोलती रहती हो तुम भी, त्योहार मनने बंद क्यों हो जाएँगे?  एक की … Read more

मम्मी मुझे यही शर्ट चाहिए – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

पार्थ , बहुत महँगी है ये तो ….. बिल्कुल ऐसी ही शर्ट लोकल मार्केट से आधे से भी कम रेट में मिल जाएगी । हम अंबाला से ले लेंगे । तू ऐसा कर इसकी फ़ोटो ले ….. शिमला और ऊपर से मॉल रोड , बहुत ही महँगा सामान मिलता है यहाँ पर ….. ठीक है … Read more

कुरियर – करुणा मालिक  : Moral Stories in Hindi

आज फिर से शालिनी ने बहू के मायके से आया सूट नौकरानी मीना को देते हुए कहा— ले , दीवाली के नाम का सूट दे रही हूँ ….. कहाँ सँभालती फिरूँगी ?  वाह आँटी जी, सूट तो बहुत ही बढ़िया है….पर अभी तो दीवाली में तीन महीने पड़े हैं….. इतनी जल्दी क्यों दे रही हो … Read more

कठोर कदम – करुणा मलिक

मम्मी! कितनी देर से फ़ोन कर रही हूँ , कहाँ थी ?  अरे , वो संध्या को मायके जाना पड़ गया तो बस , तुम्हारे पापा के लिए रोटियाँ सेंक रही थी । ये पीछे से कैसी आवाज़ आ रही है, कहीं गई हुई है क्या ? मम्मी, मैं ट्रेन में हूँ और घर आ … Read more

जहाँ चाह वहाँ राह – करुणा मलिक

आज सुबह से ही बारिश की टिप-टिप लगी थी । सुहास को न जाने क्यों बारिश के दिन मालिनी की याद आ ही जाती थी । मालिनी , उसकी बेस्ट फ़्रेंड होने के साथ- साथ उसकी छोटी चचेरी बहन भी थी । पर तीन सालों से हालात ऐसे बन गए थे कि आज सुहास के … Read more

कठपुतली – करुणा मलिक :

अच्छा मौसी , चलती हूँ…. ख़्याल रखना अपना । इतना कहकर भारती गेट से बाहर निकली और सीधे घर की तरफ़ चल पड़ी । रास्ते में उसका मन बार-बार मौसी की हालत देखकर और सोचकर बेचैन हुआ जा रहा था । क्या ये वहीं मौसी हैं जिनका दबदबा केवल अपनी ससुराल और मायके में ही … Read more

फ़ैसला – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

संजीव ! जा एक बार अपनी माँ को आई० सी० यू० में जाकर देख कर आ …. बड़ा जी घबरा रहा है बेटा । बाबा , इस तरह बार-बार जाने नहीं देते …. अब तो शाम को ही जा सकते हैं । चलिए, आपको घर छोड़कर आता हूँ । अभी मीना और नीरा यहीं है … Read more

प्रामिस – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माही ! चल कल मूवी देखने चलते हैं…. पूरे एक महीने से मैं  कोई मूवी देखने बाहर नहीं गई ।  पर सृष्टि, कल तो बुआजी की बड़ी बेटी राधा दीदी तुमसे मिलने आ रही है ….. मुझसे मिलने ? पर अभी महीना भर पहले सभी रिश्तेदार मिले तो थे शादी में ।  नहीं…. राधा दीदी … Read more

चक्र – करुणा मलिक

मेघना ! मेघना …… पापा फ़ोन कर रहे हैं, उनसे बात कर लो ।  ठीक है…. कहिए उनसे , अभी पाँच मिनट में बात करती हूँ । गमलों की मिट्टी बदल रही थी…बस हाथ धो रही हूँ ।  जैसे ही मेघना ने पति संजय के मुँह से सुना कि पापा का फ़ोन है तो उसने … Read more

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