साड़ी वाली गंवार – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” बहू आज मेरी किटी है मेरी किटी की सहेलियां आएगी सब इंतज़ाम अच्छे से होना चाहिेए खाने पीने के सामान में कोई कमी नहीं रहे और हां गंवारो की तरह कपड़े पहनकर ना आना उन लोगों के सामने तुम यह जो छः मीटर का कपड़ा लपेटे रहती हो वह न लपेट लेना। तुम साड़ी … Read more

किराएदार – कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

श्रीमती सुजाता के पति का देहांत हुए दो साल हो गए हैं। उनका अपने घर पर रहना कम ही होता है। उनके बेटे शेखर ने खराब स्वास्थ्य के मद्देनजर, उनको साथ रखने का इरादा किया है। उन लोगों ने अविका को अपना घर किराये से दे दिया है। अविका अपने पति और दो साल की … Read more

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