समझौता – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
आज रात भर रेखा को नींद नही आई ये सोच सोच कर कि कल क्या होगा। अभी तक तो वो निश्चित रहती थी कि जो होगा रमेश देख लेंगे और देखते भी थे यही हक़ीकत है घर से लेकर बाहर तक के सारे काम वो देखते थे। उसे तो सिर्फ़ रसोई और बच्चों को देखना … Read more