पुस्तैनी घर – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi
ऐ जी सुनों ना चलो चलते है छोटे बेटे बहू के घर ,इतना बुलाया पर हम लोग जा नही पाये।अब तो ईश्वर की कृपया से बड़ी बहू ठीक ठाक है , कहते हुए सुबह का नाश्ता ‘ छाछ का गिलास ‘ पकड़ाते हुए रन्नो बगल में रखी मचिया को खीच कर बैठ गई। इस पर … Read more