करवट बदल ली – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज अपने पत्नी के चेहरे को देखकर उसके दर्द  को महसूस कर रहा । हो भी क्यों ना  ये वही है जो हर वक़्त गुस्से में रहती थी ,ज़िद्दी ऐसी कि किसी की कोई बात न सुनी,हर वक़्त घर का माहौल खराब किये रहती थी ।कुल मिला के इसको हर किसी से कोई ना कोई … Read more

दीवार – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मुझे पता है बिन दीवारों के घर नही होता पर ये जब ………… कहती सकती मृदुला कि आंखें भर आईं। बात उन दिनों की है  जब वो नईं नईं ब्याह कर आई थी।कार से उतरते ही ” अभी तो किसी का चेहरा भी नही देखा था ” लम्बे घूंघट में परछन कर धीरे से ज़मीन … Read more

error: Content is protected !!