ग्रेजुएशन। – कामनी गुप्ता*** : Moral Stories in Hindi

बारहवीं की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी। रोहन बेसब्री से नतीजे का इंतज़ार कर रहा था। घरवाले भी रोहन की मेहनत से बाकिफ़ थे। सबको रोहन से बहुत उम्मीदें थी। रिश्तेदारों में भी यही बात थी कि अपना रोहन घर का और सबका नाम रोशन करेगा। खैर वो दिन भी आ जाता है। रोहन उम्मीद … Read more

लोग क्या कहेंगे। – कामनी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूनम और राज की ज़िन्दगी बहुत अच्छे से चल रही थी। गाँव में संयुक्त परिवार था, छोटी मोटी नोंक झोंक भी कम ही देखने को मिलती। दोभाई एक साथ बहुत खुशी से रहते थे। एक बूढ़ी माँ भी थी, बड़े भाई की शादी जल्दी हो गई थी, राज छोटा था पर उनसे उम्र में भी … Read more

बाबुल। – कामनी गुप्ता*** : Moral Stories in Hindi

मोहिनी का मन धीरे धीरे शांत हो रहा था। बहु का गुस्से भरा मुंह बात – बात पर देखकर हमेशा खुश रहने वाली मोहिनी भी असहज हो जाती थी। पति विनय से बात करके थोड़ा सुकून तो मिलता था पर अब बुढ़ापे में वो अपनी वजह से कलह नहीं चाहते थे। बेटा जब भी बात … Read more

आज़ादी।-  कामनी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना आपकी संपत्ति…  मैं अब बच्ची नहीं हूँ। अपने तरीके से जीने दो मुझे। कहते हुए कोमल पैर पटकते हुए घर से बाहर चली गई। मम्मी और पापा खुद को दोषी मानते हुए आज फिर एक दूसरे से यही बात करते रहे… नहीं, हमें बच्चों … Read more

माँ की सीख – कामनी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

टीना की माँ आखिरी सांसें गिन रही थी। सारा परिवार संग था, सबकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। माँ कभी बड़ी बेटी को पास बुलाती कभी छोटी बेटी और बहु को। बड़ी बेटी और दामाद माँ के पास ही बैठे थे। माँ सबसे वादा ले रही थी कि मेरे जाने के बाद सब मिलकर … Read more

ममता- कामनी गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

ममता आज फिर मायके चली गई थी। थोड़े दिन ही ससुराल रहने के बाद जाने क्या हो जाता था? ममता बेटे को लेकर रूठ कर किसी न किसी बात पर झगड़ा कर लेती और तलाक की धमकी देकर चली जाती।  पति रोहन और सास ससुर भी अब परेशान हो गए थे।  बार – बार समझा … Read more

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