“काश ! मैं भी स्वार्थी होती ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रिया आज बहुत उदास थी क्योंकि उसने सच्चे प्यार को जो ठुकरा दिया था।और करती भी क्या वो?जिम्मेदारियों के बोझ तले दबी हुई थी।घर में कमाने वाली वो अकेली ही तो थी।पिता के जाने के बाद छोटे भाई बहन और माँ की जिम्मेदारी उसके ही कंधों पे आन पड़ी थी।कैसे इन जिम्मेदारियों से मुँह मोड़कर … Read more

मेरी खुशियों की चाबी,मेरी भाभी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रिया आज विदा होकर अपने ससुराल जा रही थी।वैसे तो वह मेरी बेटी थी,किन्तु लड़का ढूंढने से लेकर कन्यादान तक की सारी जिम्मेदारियां रूपा भाभी ने बड़ी आत्मीयता से निभाईं थीं।वह रिया को एक अच्छी पत्नी व बहू बनने के सीख दे रहीं थीं..समझा रहीं थीं,कि अपने व्यवहार से सबका दिल जीतना।मैं तो बस मूक … Read more

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