“बाबुल की यादें ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा बड़े दिनों बाद बहू बेटे के साथ अपने घर आई थी,घर बहुत गंदा हो गया था।बहू ने किचन संभाल ली और रमा घर की साफ-सफाई करने में जुट गई।रमा ने अपनी अलमारी को साफ करने के लिए जैसे ही खोला तो उसमें से एक फाइल निकलकर नीचे गिर गई।उसने फाइल को उठाया और खोलकर … Read more

प्यार का बंधन – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

हमेशा की तरह सरोज के भाई का इस बार भी राखी का पांच सौ रुपए का मनीऑडर आ गया।ना ही उसने कोई फोन किया,कि दीदी तुम्हारी राखी मिल गई थी ना ही उसकी कोई चिट्ठी आई।सरोज की आँखें फिर से नम हो गईं। माता पिता के जाने के बाद सरोज के छोटे भाई साहिल ने … Read more

‘ जायदाद पर हक ‘ – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“सीमा,ये बाऊजी के मकान के पेपर्स हैं रख लो।”स्नेहा ने सभी रिश्तेदारों के सामने अपनी नन्द को ससुर के मकान पेपर्स दिए तो वो तुरंत उठकर आई और भाभी के हाथ से पेपर्स ऐसे झपट लिए मानों कबसे इनका ही इंतजार कर रही थी।झूठे मुँह को भी नहीं बोला,कि मुझे मकान के पेपर्स नहीं आपका … Read more

“मुझे माफ कर दो पापा ” – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

नेहा अरमान के प्रेम में इतनी पागल हो गई थी कि उसको कुछ भी सुध नहीं थी।कब वो उसको अपने काम के लिए इस्तेमाल करने लगा उसको पता ही नहीं चला। बस वो उसके मोह जाल में फँसती चली गई और अरमान उसका फ़ायदा उठाने लगा। नेहा की माँ ने उसे बहुत समझाया लेकिन वो … Read more

रिश्ते तकरार से नहीं प्यार से चलते हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

सुषमा अपनी सहेली मीरा के घर आई हुई थी।बड़े दिनों बाद दोनों मिली तो बातों का सिलसिला शुरू हो गया।तभी मीरा की बहु चाय नाश्ता लेकर आ गई पहले उसने सुषमा के पैर छुए फिर दोनों सहेलियों को चाय सर्व की।वो वहाँ ज्यादा देर रुकी नहीं चली गई शायद जल्दी में थी। सुषमा चुस्कियाँ लेकर … Read more

मंजिल मुझे पाना है –  कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा अपनी इकलौती बेटी परी को लेकर हमेशा परेशान रहती थी।कारण ये था,कि रमा के पति सुरेश परी को अपनी तरह एम बीए करावाना चाहते थे पर परी का मन ड्राइंग बनाने में लगता था।वैसे उसने ग्रेजुएट कम्पलीट कर लिया था।सुरेश रोज परी को ताना मारते रहते थे-“तुम्हारे साथ की कई लड़कियाँ डॉक्टर बन गईं,तो … Read more

“शब्दों को पुष्प ना बना सको तो तीर भी न बनने दो” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा पढ़ी लिखी और सुंदर थी।पहली नजर में ही वो सबको पसंद आ जाती थी पर जब मुंह खोलती तो इतना कड़वा बोलती कि उसके सारे गुणों पे पानी फिर जाता।उसने इंजीनियरिंग के साथ साथ एम.बीए.भी किया था। उसे बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई थी।ऑफिस में भी रोज किसी न किसी के साथ उसका … Read more

दूसरों को बदलने से पहले स्वयं को बदलना जरूरी हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“रजत तुझसे कितनी बार कहा है कि बहु को समझा दे बड़े बुजुर्गों के सामने छोटे कपड़े ना पहना करे..रिश्तों में एक सीमा रेखा होनी चाहिए। आज तेरे ताया जी आए थे उनके सामने बहु स्कर्ट और टी शर्ट पहनकर आ गई।वो बेचारे कुछ बोले नहीं सारा समय मुंह नीचे करके बैठे रहे। क्या सोचते … Read more

मतलबी लोगों से दूरी बनाना अच्छा – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“पता नहीं माँ,आखिर मेरे साथ ही यह सब क्यों होता है?जब भी किसी ने मेरी मदद माँगी या दोस्ती का हाथ मेरी ओर बढ़ाया तो मैंने पूरी शिद्दत से उसकी मदद भी की और दोस्ती भी निभाई उसकी खुशियों में भी सदा शामिल रही और जब मुझे मान देने का समय आता है तो सब … Read more

रिश्तों में सोने की चमक नहीं प्यार की चमक जरूरी है – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

सरिता के बहू बेटे की शादी की पहली सालगिरह थी उसने पूरे उत्साह और अपनी हैसियत के अनुसार सालगिरह मनाई।कुछ नजदीकी रिश्तेदारों व आस पड़ोस के लोगों को भी बुलाया था।खाना उनके बेटे नीरज ने बाहर से ऑर्डर कर दिया था।सरिता ने बेटे नीरज को पैंट-शर्ट व बहु रिया को साड़ी और शगुन तोहफे में … Read more

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