रिटायरमेंट – ज्योति आहुजा
हरिदास जी की ज़िंदगी साधारण थी, एक मिडिल क्लास आदमी की तरह। सुबह ऑफिस, शाम घर, बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च। उन्होंने अपने सपनों को हमेशा टाल दिया—कभी गाना-बजाना, कभी घूमना-फिरना उनके शौक हुआ करते थे। लेकिन उनका सबसे बड़ा सपना था गॉल्फ खेलना। कॉलेज के दिनों में उनके दो-चार अमीर सहपाठी गोल्फ़ … Read more