सब्जी का भाव – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

“पचास बार कहा है कि सब्जी खरीदना मेरे वश का नहीं है, न तो मुझे भाव ताव करना आता है और ना ही छाँट बीन करना “ मैं भिनभिनाया हुआ था, “खरीद भी लाऊं तो तुम हजार मीनमेख निकाल देती हो। कोई ठेल बाला आए तो उससे खरीद लेना या शाम को बाजार हो आना। … Read more

“सौतेला ” – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

 ” जिम्मेदार और परिश्रमी व्यक्ति के जीवन में कठिनाई और परेशानी कभी कभार आ सकती हैं पर निकम्मे और गैरजिम्मेदार लोगो का पीछा जीवन भर नहीं छोडतीं। ” नारायण जी अपने बड़े बेटे गगन को समझा रहे थे । ” तुम बड़े होने के साथ साथ जिम्मेदार भी हो, मैं तुम्हारे साथ न्याय नहीं कर … Read more

व्यापार – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

        शुभी आफिस से लौट कर घर में ही घुस पाई थी कि फोन बज उठा। टिफिन और स्कूटी की चाबी टेबल पर रखी और पर्स में से फोन निकाला।    दीपक का था।  शुभी ने गुस्से में फोन काट दिया और विचारों में खो गयी। ‘ आज इतने साल बाद?…. क्या जरूरत थी जो फोन करना … Read more

प्रमाण पत्र – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

    कक्षा में प्रवेश करने के बाद मेरी नजर अनायास ही उस लड़की पर ठहर गई जो बेंच के एक कोने में सिकुडी हुई सी बैठी थी।   सभी छात्राओं से अलग थलग, दुबली पतली, साँवली, भोली भाली और मासूम सी।     सामान्य सी बात थी, कोई न कोई छात्र अलग थलग सा होता ही है। मैने अपना … Read more

तीर्थ स्थल – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

   “पिताजी, आपका एक बैग मैने तैयार कर दिया है और दूसरा खाना खाने के बाद लगा दूंगी। कुछ और रखना हो तो याद दिला देना ” सिया ने अपने ससुर को खाना परोसते हुए कहा।    ” हाँ बेटा कोई जल्दी नहीं है, आराम से कल सुबह कर देना। आज तो तुम थक भी गई होगी, … Read more

दो बीघा जमीन – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

     “क्या करेगी ताई इतने अनाज का? कहाँ रखती फिरेगी ? कहीं घुन लग गया तो सब बेकार हो जाएगा। ” जगताप अपनी बुढिया ताई को समझा रहा था। “सुबह शाम चार रोटियां ही तो चाहिए तुझे, मेरे घर पर ही खा लिया करना। मैने अपने घर कह दिया है , वो तेरे लिए भी गरम … Read more

गृह प्रवेश – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

   विद्यालय से लौट कर शाम को जब मैं घर पहुंचा तो बैठक में एक महिला को अपनी बेटी के साथ बैठे पाया। यही कोई पैंतीस साल की उम्र रही होगी। पर सुगठित और आकर्षक शारीरिक वनावट से उसकी उम्र तीस साल से अधिक नहीं लग रही थी। बेटी भी लगभग बारह चौदह बरस की होगी। … Read more

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