अभागन बनी सौभाग्यवती : गीता चौबे गूँज  : Moral Stories in Hindi

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  ”अरे कुलक्षिणी! कहाँ मर गयी… कब से चाय माँग रही हूँ… पता नहीं कब यह मनहूस इस घर से जायगी! जन्म लेते ही माँ को खा गयी और महीने भर बाद बाप को…” आए दिन रूपा की चाची रूपा पर इस तरह के व्यंग्य-बाण बरसाती रहती।    रूपा को अपना असली नाम तो याद ही नहीं … Read more

खानदान – गीता चौबे गूँज  : Moral stories in hindi

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“आप यह कैसे भूल सकते हैं कि आप पं. सूर्यप्रताप शर्मा के खानदान से हैं। आपने सोच भी कैसे लिया कि हम आपकी शादी एक अनाथ लड़की से करने के लिए राजी हो जाएँगे?” भानुप्रताप शर्मा की गरजती आवाज से पूरा परिवार चुप्पी साधे हुए था। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ भी … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 4)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : एनीवे… आप चाहें तो मैं अपने एक दोस्त का नंबर दे सकता हूँ जो एक मनोवैज्ञानिक है और आपकी उलझनों को लाॅजिकली साॅल्व करने में आपकी मदद करेगा। “ ” आपकी बातें कुछ हद तक सही हो सकती हैं डॉक्टर! बट, वो कार्ड… ये पता… यह कैसे संभव है? “ … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 3)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ‘शेखर.. कहाँ चले गए तुम अचानक ‘… सुरभि चिल्ला उठी। पागलों की भांति दौड़ दौड़ के चारों तरफ़ खोजने लगी…. पर दूर दूर तक शेखर का कहीं नामोनिशान नहीं था…। थक हार कर सुरभि वापस घर चली आयी। वह बहुत असमंजस में थी कि शेखर अचानक बिना बताए कहाँ चला … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 2)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुरभि के पिता खुशी से इतने उतावले थे कि वे उसी वक़्त सुरभि के पास पहुँच कर उसे सरप्राइज देना चाहते थे। वे सुरभि की माँ के साथ खुद ही कार ड्राइव कर चल पड़े। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था… एक तीखे मोड़ पर उन्होनें संतुलन खो … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 1)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :‘ शीतल मंद सुरभि बह बाउ…’ तुलसीदास जी की इस पंक्ति को सुरभि के लब गुनगुना रहे थे जिसे वह साक्षात आत्मसात कर रही थी। बड़ा ही सुहावना मौसम था। सुंदर सुवासित समीर मंद गति से बह रहा था मानो हौले – हौले किसी महबूब की भांति सुरभि के बदन को … Read more

यह कोई एहसान नहीं! – गीता चौबे गूँज  : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : “रीना! अब कैसी तबीयत है मम्मी की? “ “जिसे आप का सहारा मिल जाए, वह भला कब तक बीमार रह सकता है? आपका यह एहसान हम कभी भूल नहीं पाएँगे।”  रीना ने सुनील की तरफ प्यार और आदरपूर्ण नजरों से देखते हुए कहा।  सुनील रीना और उसके परिवार को अपना … Read more

घर- गीता चौबे गूँज : hindi stories with moral

hindi stories with moral : माँ की मृत्यु के 4 वर्षों के बाद आज रमेश गाँव जा रहा था। ट्रेन के चलते ही उसकी यादों का कारवां भी चल पड़ा…       आँगन में बिछी खाट पर लेटी बीमार माँ के आखिरी शब्द उसके कानों में गूँज रहे थे – “दोनों बहुएँ इतनी लड़ती हैं कि मुझे … Read more

पश्चाताप के कंगन –  गीता चौबे गूँज  : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi :  ” अहा कितना सुंदर कंगन है! बाबा आप मेरे ब्याह में यही कंगन देना मुझे… दोगे न? ” मेले में कंगन को देख सोना का दिल मचल उठा। ” हाँ बेटी, जरूर दूँगा।” बेटी की सूरत देखकर ही तो हरिया जीता रहा अब तक। बहुत प्यार करता था सोना की … Read more

तिनके का सहारा – गीता चौबे गूँज : Moral Stories in Hindi

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अपने हमउम्र दो भाई-बहन को पीठ पर जूट का बोरा लादे आते देख स्कूल जाती अवनि अपने भइया से पूछ बैठी, “भइया देखो! इनके स्कूल का यूनिफार्म और बस्ता कितना अलग है हमसे!” “धत पगली! ये स्कूल थोड़े न जा रहे हैं…” “फिर?” “काम पर” “तो इनको स्कूल पहुँचने में देर हो जाएगी।” अवनि चिंतित … Read more

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