संजीवनी बूटी सा मायका — डॉ उर्मिला शर्मा

ट्रैन से उतरकर नम्रता ने आंखों में गहरे उतार लेने वाली नजरों से प्लेटफार्म को देखा। मन एकसाथ घोर अपनापन और परायापन दोनों से भर उठा। यह उसका अपना शहर, अपना मायका है। वह यहां एक दिन के लिए एक सेमिनार में आई थी। घर से निकलते समय पड़ोसन शिल्पा ने उसे लगेज के साथ … Read more

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