कलावा – डॉ. ओंकार त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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मां! मैं मेरा नाश्ता सुबह 8:00 बजे तैयार कर देना मुझे बहुत जरूरी काम से बाहर जाना है, कहते हुए स्पर्श अपने कमरे में चली गई।  कल तो छुट्टी है बेटी। कल  इतनी जल्दी कहां जाना है ? मां ने पूछा पर स्पर्श ने कोई जवाब नहीं दिया। शायद उसने सुना ही नहीं था और … Read more

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