जिम्मेदारियाँ कभी खत्म न होंगी। – डाॅ कंचना सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सुनीति अपने माँ बाप की इकलौती संतान थी। बड़े लाड़ -प्यार से पाला था। माता -पिता की आँखों का तारा। कभी कोई दुख की छाया उस पर न पडे़, माँ की हर समय यही कोशिश रहती। पिता बैंक में अफ़सर थे। अतः स्थानान्तरण होते रहते थे। उन्हें समय ही नहीं मिलता। माँ काॅलेज में लेक्चरर … Read more

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