परंपरा – डॉ. जय प्रकाश प्रजापति : Moral Stories in Hindi

जानकी विदा होकर पहली बार ससुराल आई थी। आते वक्त उसकी माँ ने समझाया था कि बेटी अब तुम्हारा घर ससुराल ही है। जो सास, ससुर पति जैसा कहें करना, क्योंकि ससुराल वालों की नाक बहुत ही होती है। मेरा ज्यादातर जीवन शहर मे ही बीता था। मेरे मामा जी शहर में ही रहती थी, … Read more

शराबी पति – डॉ. जय प्रकाश प्रजापति : Moral Stories in Hindi

रामकली अपने पति पर चप्पलें बरसा रही थी। भीड़ उसे देख रही थी। सब आश्चर्य चकित थे कि आज उल्टी गंगा कैसे बहने लगी। जिस औरत ने कभी उफ़ भी नही किया वह आज काली बन कर पति पर वार कर रही थी। बिहारी यह समझ नही पा रहा था कि यह सब कैसे हो … Read more

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