मदद का ईनाम – डॉ हरदीप कौर  : Moral Stories in Hindi

भयंकर गर्मी का दिन था।अपराह्न का समय था। अक्सर इस समय लोग दोपहर के भोजन के बाद घरों में आराम फरमाते हैं। सुनसान गली में कुछ लड़के एक लड़की को खींच कर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। लड़की मदद के लिए चिल्ला रही थी। पिता जी को चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। पिता … Read more

हिंदी का प्रेम – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

मुस्कान को बचपन से ही हिंदी से बहुत लगाव था। पंजाब में रहने पर भी उसका पंजाबी से अधिक झुकाव हिंदी की ओर रहा। इसका कारण एक तो हिंदी भाषा बहुत मधुर बोली जाती है और दूसरा पंजाबी में जो प्रोग्राम वह टी.वी पर देखती थी, उसकी भाषा खासकर पंजाबी फिल्मों की भाषा उसे पसंद … Read more

वक्त की मार – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

(फोन की घंटी बजती है। राजवी की ताई जी फोन उठाती हैं) राजवी की ताई जी: हेलो।  हर्षिता: हेलो, ताई जी नमस्ते।  राजवी की ताई जी: नमस्ते हर्षिता बोल रही हो क्या? हर्षिता: हांजी, ताई जी। राज से बात करनी है। बुला दोगे क्या? राजवी की ताई जी: हां बुलाती हूं अभी। तुम्हें बधाई हो … Read more

गाल फुलाना – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

निशा बाजार गई थी। वह अपना फोन घर पर ही भूल गई थी। फोन की रिंग बजी तो उसकी भाभी दिव्या ने फोन उठा लिया। फोन रिंग पर किसी लड़की का नाम लिखा था। जब फोन उठाया तो कोई लड़का बोला। उसने निशा को पुकारा तो दिव्या ने बताया कि निशा तो बाजार गई है। … Read more

गाल फुलाना – डॉ हरदीप कौर (दीप) : Moral Stories in Hindi

वीणु अपनी मां से गाल फुलाकर बैठी थी,क्योंकि आज पिताजी उससे नाराज हो गए थे। छुट्टी का दिन था।पिताजी जब काम पर गए तो वह सो रही थी। लेट उठी। उठकर फ्रेश हुई।नाश्ता किया और लैपटॉप लेकर बैठ गई। सुबह से लैपटॉप पर वीडियो देखना, दोस्तों से  बात करना और गेम खेलना चल रहा था। … Read more

विवाह – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

सोनिया मैंने कहा है कि मेरे साथ भाग चल।पर तू है कि मानती ही नहीं।  टिंकू ने सोनिया से कहा। तो सोनिया ने उत्तर दिया,” नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती। मैंने तुमसे प्यार किया है।कोई चोरी नहीं की है। जब मेरे माता-पिता मान गए हैं तो तुम्हारे माता-पिता भी मान जाएंगे।” टिंकू ने कहा,”पर … Read more

दूसरी माँ – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

पिंकी और उसके दो छोटे भाई बहन अभी इतने बड़े नहीं हुए थे कि अपने आप को अपनी मां के बिना संभाल पाते। पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। भगवान ने इन मासूम बच्चों से उनकी माता को अपने पास बुला लिया।             पिता ने छोटे बच्चों को पालने-पोसने के लिए दूसरी शादी कर … Read more

घर वापसी – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

दिव्या पांच वर्ष की थी, जब उसे पता चला था कि उसकी दादी उसको छोड़कर भगवान के पास चली गई है। दादाजी का तो उसे याद ही नहीं था कि कब भगवान के पास चले गए थे? उसकी दादी गांव में रहती थी।जब भी वह दादी से छुट्टियों में मिलने जाती तो उसे ढेर सारा … Read more

घर – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

शुक्रवार का दिन था। शाम का समय था।अगले दिन खुशी ने दूसरे शहर में नौकरी शुरू करने के लिए जाना था। उसके पास जाने के लिए एक रुपया तक नहीं था पर उसके पास पांच- पांच के सिक्कों से भरी हुई एक मिट्टी की गुल्लक थी। जो उसने बुरे से बुरे समय में भी बचाकर … Read more

आत्मसम्मान – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

रवि के पिता जी और छवि के पिता  जी साथ काम करते थे। रवि के पिता जी की अचानक मौत हो गई। छवि के पिता जी की मदद से रवि की नौकरी और उनकी माता जी की पेंशन लग गई। अब दोनों परिवारों में गहरे विश्वास का रिश्ता स्थापित हो गया।              एक शाम रवि छवि … Read more

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