चार दिन की चाँदनी – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

बाबूल की दूआए लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले भावविभोर करती …सामने के घर में जहां कल कितनी रौनक थी आज बेटी की विदाई की तैयारी शहनाई वादन की मधुर धुन मन को विचलित कर रही थी। अपनी बाल्कनी में खड़ी मयूरी शादी की रौनक भीड़ भाड़ देख रही आज उसका मन पहले से … Read more

अपमान – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

अपमान…सम्मान…. दोनों ही हमारी दृष्टि पर निर्भर करता है। किसी की भूल को भूला देना, अपने कार्यो का मूल्यांकन करने से जीवन सफल हो जाता है। जीवन में सच्ची सफलता समता और विनम्रता के संगम से ही मिलती है। दो सहेलियों की यह कहानी हकीकत का दर्शन कराती है। निशा और माया दोनों पक्की मित्र, … Read more

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