ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 35

मरणासन्न पर लेटे हुए दशरथ जी ने बड़े बेटे प्रभाकर का हाथ थामते हुए कहा -बेटा तुम इस घर के बड़े बेटे हो। मेरे बाद इस घर परिवार और भाईयों की जिम्मेदारी तुम्हारे ऊपर हीं है। बेटा कोशिश करना कि, तुम्हारे भाईयों को अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा मिले। मैं अब ज्यादा समय का मेहमान … Read more

मायके की गलियों में – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 55

आरती ने जैसे हीं ये खबर सुनी वो तो वहीं अचेत हो गई। पास खड़ी सास जल्दी से आरती को पकड़ कर होश में लाने का प्रयत्न करने लगी। दुःख से तो उसका भी कलेजा फटा जा रहा था, बेटे को खोने का दुःख इतना गहरा था कि उसको तो जैसे काठ मार गया। नन्हे-नन्हे … Read more

दिखावे की जिंदगी – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 89

रुबी भले हीं एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी थी मगर उसके सपने बड़े हीं ऊंचे थे। एशो-आराम का जीवन और खूब से संवर कर रहना उसका सबसे पसंदीदा शौक था। पढ़ाई में तो वो बहुत हीं औसत थी लेकिन फैशन के मामले में अव्वल… छोटी उम्र से हीं उसे दिखावा करने का बड़ा हीं शौक … Read more

मन की कसक – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 47

मनोज के चेहरे पर उड़ती हुई हवाइयों को देख घर में सबको बड़ी हैरानी सी हो रही थी और साथ हीं साथ किसी अनहोनी की आशंका से मन विचलित भी हो रहा था… कल तक घर के हर सदस्य के साथ हंसी-ठिठोली करने वाले मनोज को आज क्या हो गया है??  हर आहट पर कुछ … Read more

मैं अशुद्ध होना चाहती हूं। – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 70

अजी सुनिए ना… चुन्नी के बापू  आपसे चुन्नी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें करनी हैं। जानकी ने चुन्नी के पिता से कहा। बृजेश ने कहा – हां बोलो.. देखिए ना चुन्नी ने सोलह वर्ष पूरे कर लिए सत्रहवें में प्रवेश कर लिया मगर अब तक उसमें शारिरिक परिवर्तन नहीं हुआ। स्त्रियों वाले वो लक्षण … Read more

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