मैं भी किसी की बेटी हूं – डोली पाठक
बहू ये कैसी चाय बनाई है तूने??? ना चीनी है ना चायपत्ती… बिल्कुल पतली सी… शालू के ससुर का हर दिन का एक हीं ड्रामा था.. कभी चाय पतली तो कभी दाल… कितना भी दिल से वो खाना बना दे उसमें मीन-मेख निकालते रहते थे… शालू ने कहा – बाबूजी!! कल आपने हीं तो कहा … Read more