आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

“पछतावे के आँसू” को पोछती हुई ऋचा एकाएक उठ खड़ी हुई, और गौरव से बोली “राखी अब आपकी ज़िम्मेदारी है। और ये जो नया मकान में रह रहें हैं, आप ये मेरे पति की कमाई से बना हुआ है। आपके हिस्सा का पुराना घर, उधर है, जाइए जाकर अपनी पत्नी के साथ रहिए। और हाँ, … Read more

मेरी गलती नहीं थी – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

“सुमित ऐसा नहीं सोचते बेटा, टीचर, कभी भी अपने स्टूडेंट को आंखों से नहीं गिराते। वो तो बस हमारे नैतिक ज्ञान की कीमत को समझाने के लिए हमें दंडित करते हैं। ताकि हम दुबारा वो गलती नहीं करें। समझ सकें हम कि, गलती करने पर सजा मिलती है, पुरस्कार नहीं। ” “वो बात ठीक है … Read more

मुझे ऐसी ही सास चाहिए – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

राधिका ने सात साल की अपनी बेटी रिया, और आठ साल की अपनी भतीजी जिया से अनेक सवाल के बाद, जब ये सवाल किया कि “तुम्हें सास कैसी चाहिए?” दोनों ने सवाल छूटते ही कहा, “मेरी नन्ना (नानी)जैसी, मेरी दद्दा (दादी) जैसी।” जिज्ञासावश…राधिका ने कहा,…”क्यों? तुम्हें अपनी नानी के जैसी ही, या तुम्हें अपनी दादी … Read more

ननद को भी भाभी की जरूरत होती है। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

मधु, कुटिली मुस्कान के साथ,….सोचती है। मुझे ऐसे क्यों भाभी इग्नोर(अनदेखा) करेगी। मैं भला कभी क्यों मायके में रहूंगी? पर आज रंजू के दिल से निकली बददुआ, सच हो गयी माँ। माँ ये मेरे ही कर्मों का फल है, मेरे अहंकार, और मन में भरी कुलिष्ता का बदला है। मैंने रंजू का दिल दुखाया था, … Read more

अपमान – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

चेहरा सब कुछ व्यक्त कर देता है। सही बात है। रीना झूठ बोल रही है। क्या इतने सालों के संबंध के बाद भी तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है?? तुम क्या किसी मामले में रीना से कम हो?? क्या  मैं एक नौकरानी को गलत नजर से देखूंगा?? उसे गलत इरादे से छुंउगा?? तुमने भरोसा कैसे … Read more

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