माँ का त्याग – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 68

“आपकी माँ को एक बच्चा तक संभालना नहीं आता, और आप गाँव से इनको लेकर आए हैं, मेरे सहयोग के लिए, ये मेरी मदद क्या करेंगी? उल्टा एक आदमी का काम भार बढ़ गया है मेरा। इन्हें गाँव भेज दीजिए, कोई काम की नहीं हैं ये, कहाँ मेरी माँ, कहाँ ये??” झुंझलाते हुए, आरती ने … Read more

मेम से दीदीजी बन गई – चाँदनी झा  : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“ऊषा मन नहीं कर रहा है तो छोड़ दो, अगले बार अच्छी जगह मिलेगी तो प्रमोशन लेना।”  ऊषा के पति अमित ने कई बार समझाया। ऊषा सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है, उसका प्रमोशन हुआ, एक स्लम एरिया में। घर से काफी दूर, अविकसित जगह में, जो बाजार से काफी दूर, एक सुदूर देहात में, सुदूर … Read more

“चरित्र से पहचान होती है।” – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 35

“आँखों पर ज्यादा चर्बी चढ़ गयी है?” जो तुम खुद को होशियार समझ रही हो? और मेरे घरवालों को बेवकूफ़? मैंने तुम्हें पहले ही कह दिया था, मेरे घर में मेरी माँ की चलती है, वो जैसा कहेंगी, तुम्हें करना है। तुमने हाँ कहा था, तभी मैंने शादी किया था, नहीं तो…….” अपनी बात कहते, … Read more

खुशी के आँसू! – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 2

“बेटी के मोह में सही-गलत का फर्क भूल गई थी” समाज तो यही कहता था उसे। पर आज सबकुछ सिर्फ सही हुआ है।  अतीत में डूबती चली गई आँसू। न जाने क्या सोचकर माँ-बाप ने नाम आँसू रखा था। माँ बाप की दूसरी बेटी थी, शायद बेटे की चाह होगी,…और हो गयी आँसू। हमेशा आंसू … Read more

अपनी कीमत – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 94

अनपढ़ रागिनी के स्वाभिमान को आज बहुत बड़ा धक्का लगा। बचपन से लेकर आज तक की जो उसकी ज़िंदगी है, उसकी मर्ज़ी की है कहाँ? शायद इसलिए वो इतना, और बार-बार जलील हो रही है। सासू माँ ने कहा, “जायेगी कहाँ, दो अक्षर का ज्ञान भी नहीं है, और न कोई हुनर, न इल्म। खायेगी … Read more

कर्तव्य – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104905.495

“अंगूठी का नगीना” तुम सिर्फ मेरे लिए हो बेटा। मैं दुनिया से तुम्हें उम्मीद करना नहीं, अपना कर्तव्य करना सिखाना चाहती हूँ। बाकी सारी समस्याएं खुद हल हो जायेगी। दरअसल रवि, अपनी माँ का एकमात्र और इकलौता बेटा था। माँ के लाड़-दुलार और अत्यधिक देख-रेख के कारण वह बस प्यार पाना जानता था। जबकि दुनिया … Read more

आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 98

“पछतावे के आँसू” को पोछती हुई ऋचा एकाएक उठ खड़ी हुई, और गौरव से बोली “राखी अब आपकी ज़िम्मेदारी है। और ये जो नया मकान में रह रहें हैं, आप ये मेरे पति की कमाई से बना हुआ है। आपके हिस्सा का पुराना घर, उधर है, जाइए जाकर अपनी पत्नी के साथ रहिए। और हाँ, … Read more

मेरी गलती नहीं थी – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104516.742

“सुमित ऐसा नहीं सोचते बेटा, टीचर, कभी भी अपने स्टूडेंट को आंखों से नहीं गिराते। वो तो बस हमारे नैतिक ज्ञान की कीमत को समझाने के लिए हमें दंडित करते हैं। ताकि हम दुबारा वो गलती नहीं करें। समझ सकें हम कि, गलती करने पर सजा मिलती है, पुरस्कार नहीं। ” “वो बात ठीक है … Read more

मुझे ऐसी ही सास चाहिए – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 68

राधिका ने सात साल की अपनी बेटी रिया, और आठ साल की अपनी भतीजी जिया से अनेक सवाल के बाद, जब ये सवाल किया कि “तुम्हें सास कैसी चाहिए?” दोनों ने सवाल छूटते ही कहा, “मेरी नन्ना (नानी)जैसी, मेरी दद्दा (दादी) जैसी।” जिज्ञासावश…राधिका ने कहा,…”क्यों? तुम्हें अपनी नानी के जैसी ही, या तुम्हें अपनी दादी … Read more

ननद को भी भाभी की जरूरत होती है। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 35

मधु, कुटिली मुस्कान के साथ,….सोचती है। मुझे ऐसे क्यों भाभी इग्नोर(अनदेखा) करेगी। मैं भला कभी क्यों मायके में रहूंगी? पर आज रंजू के दिल से निकली बददुआ, सच हो गयी माँ। माँ ये मेरे ही कर्मों का फल है, मेरे अहंकार, और मन में भरी कुलिष्ता का बदला है। मैंने रंजू का दिल दुखाया था, … Read more

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