एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दोनों भाई एक दुसरे के साथ-साथ ही अपनी कंपनी में जाते। बडा अनीश, छोटा रोनीश। माता सुलोचना देवी अपने लाडलों को देख निहाल हो जाती। पती सोमेश की मृत्यु के बाद कुछ दिन वे संभल नहीं पायी थी। सोमेश जी थे भी इतने सेवाभावी, मृदुल और स्नेहिल। मिलनसार तो इतने कि सारा गांव उन्हें अपना … Read more

रावण दहन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

रावण दहन कर घर लौट रही थी सुमित्रा। रास्ते में छोटीसी गली हैं, जो सुनसान रहती है, लेकिन जल्द पहुंच जाते है। अचानक उसे किसी के चीखने की आवाज आई। बिल्कुल हल्की-सी। वहम समझ, कुछ उदासीनता ओढ़ वह आगे बढ़ने लगी। पांव हैं कि वहीं ठिठक गए। खुसर-पुसर की आवाज सुनकर वह उस दिशा में … Read more

घरौंदा – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

माता पिता निहाल हो रहे थे। सोच रहे थे, भले हमने कितना भी संघर्ष किया जीने के लिए, रोटी के लिए, घरौंदे को सजाने के लिए, हमारे बच्चों को, टीना और मोनेश को हमने सबकुछ दिया है। आज छत की चिंता है, न रोजी रोटी की। अमित जी का बहुत बडा व्यापार है। अनीता जी … Read more

आँसू बन गये मोती – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

सुमी चाहे घरेलू सहायिका थी, अपने बच्चे अनूप को स्वयंसिद्ध बनाया था सुमी ने। अनुशासित जीवन था उसका। सुबह परम प्रभुु का शुकराना करो, बडेे बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर आशीष लो, खुद का काम खुद करो। सुमी सुमंगला जी की घरेलू सहायिका थी। सुबह से शाम तक जो भी काम हो, बडी लगन से … Read more

तोल-मोल – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

रेखा जी अपनी बेटी शमा के साथ बैठ एक-एक उपहार खोलकर तोल-मोल कर रही थी। नव विवाहिता बेटा बहू घुमने गये थे। शमा भी हर उपहार पर अपनी टिप्पणी दे रही थी। “मम्मी, देखो ये पुराने जमाने का पर्स। कलर भी कितना फीका-फीका है। लगता है, चार सौ, पांच सौ से ज्यादा नहीं होगा।” ” … Read more

स्नेह का बंधन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“क्यों रूठी हो गुडिया?” “अभी तक बचपना गया नहीं तुम्हारा?” ” कह दिया, बहुत याद आ रही है आपकी। मिलने चले आओ।” ” नेहा, हमें भी तो तुम्हारी याद आती रहती है। तुम्हारी नई-नई शादी हुई है, ससुराल में मन रमाओ अब।” “जंवाई राजा समझदार है। सास ससुर चाहते हैं, तुम घर संभालो।” नेहा शादी … Read more

सबक – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

राधा अनंत का प्रेमपत्र हाथ में लिए बैठी रही। क्या करूं? कैसे हो गया ये सब? भावनाओंके उद्रेक में, अनंत के प्रेमजाल में फँसी, छटपटा रही थी वह। खुद ही हैरान थी, उसकी मीठी-मीठी बातों में कैसे उलझ गयी वह। शादी का झांसा देकर वह चला गया। किसे कहे, उसके साथ उसने कैसा खेल खेला … Read more

मेरे जीवनसाथी – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दोनों परिवार एक दुसरे से अनजान थे। अमित और अनिशा, दोनों सोशल मिडिया पर एक दुसरे से मिले थे। अनिशा मुंबई में रहती थी। अमित भी मुंबई में ही रहता था,  लेकिन आजकल वह कंपनी के काम के लिए हैदराबाद गया हुआ था। आज होली मनाने अपने घर मुंबई आया था। अमित को परिवार के … Read more

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