दिशा भूल – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

रीना और मीना दोनो बचपन की सहेलियां थी। साथ पढ़ती, साथ खेलती, खाना भी साथ ही होता। दोनों का ससुराल भी एक ही शहर में था। मैत्री का झरना अविरल बहता रहा। रीना के पति रूचित गंभीर स्वभाव के थे। कर्मठ और इमानदार। आमदनी ठीक-ठाक थी। फुरसत के पलों में लिखना, पढना, दूरदर्शन पर कोई … Read more

 जीतना ही है… – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में निष्णात धावक अनमोल एक कदम पीछे रह गया था। मामूली सा अंतर था। लेकिन वह पाट न सका। हार से सबका मन उदास था। हार, हार होती है।  ” सबकी आकांक्षाओं पर पानी फेर दिया तुमने।” मित्रगण ताना दे रहे थे। ” ओफ्हो! तुम कभी कुछ नहीं कर सकते।”  पापा नाराज … Read more

नमक मिर्च लगाना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“ताईजी आयी नहीं अब तक?” माधवी ने  राघवी को पुछा। ” उनके बिना बातों का सिलसिला आगे ही नहीं बढता।” ” कितनी चटपटी, मसालेदार खबरें होती हैं उनके पास।” ” लो, नाम लिया और….ताईजी आ गयी।” रूपाली ने कहा तो सबके हँसी ठहाकों ने उनका स्वागत किया। ताईजी को सब ‘ऑल इंडिया रेडिओ’ कहते थे। … Read more

दोगलापन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दोनों की जोडी जंच रही थी। एक दुसरे से मेल खाते परिधान, हाथों में हाथ डाल, साथ-साथ घुमते, मुस्कुराते रमा और रोमेश। पार्टी की रौनक बढ़ा रहे थे। रमा सी अनुपम रमणी रोमेश की जीवन संगिनी थी। रोमेश भी लंबा चौड़ा गबरू जवान था। वे दोनों सबके आकर्षण का केंद्र थे। धीरे-धीरे समां बंधने लगा। … Read more

ये धन संपत्ति ना…अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देती है। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

रीमा जी और सरला जी दोनों सखियां कहीं भी जाती साथ ही जाती। चाहे घुमने जाना हो, चाहे देवदर्शन करने।  दोनों महाकुंभ मेले में जाना चाहती थी। अपने-अपने सारे ग्रुप पर दोनों ने मैसेज डाल दिया। दोनों अकेली जाना नहीं चाहती थी। साथ में अपने हो तो साथ-साथ आने-जाने में सुविधा रहती है। 15-20 मेंबर … Read more

रणचंडी – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दीवाली का त्योहार था। घर द्वार वंदनवार सजे थे। रंगबिरंगी दीपमालाओं से घर रोशन हुए थे। आँगन में रंगोली सजायी थी। नये नये वस्त्र पहनकर बच्चें इतरा रहे थे। रोषणाई की जगमग, पटाखों की आवाज, आसपास से आती मिठाई की खुशबू। वैदेही और विशाल टुकुर-टुकुर देख रहे थे।  ” मां, हम भी मनाये दीवाली। देखो … Read more

नफरत की दीवार – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

राघव, राधिका और मानव बचपन के दोस्त थे। साथ-साथ पढ़ते, खेलते, इधर-उधर घुमते, धमाचौकडी करते। न उनको चिंता थी, न उनके घरवालों को। निश्चल मैत्री की खुशबू सबके मन को आह्लादित करती। सबके परिवार में सरस प्रेमभाव था। एक दूजे के सुख-दुख में वे हमेशा साथ रहते। राघव, राधिका मेहनती थे। मन लगाकर पढ़ाई करना, … Read more

एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दोनों भाई एक दुसरे के साथ-साथ ही अपनी कंपनी में जाते। बडा अनीश, छोटा रोनीश। माता सुलोचना देवी अपने लाडलों को देख निहाल हो जाती। पती सोमेश की मृत्यु के बाद कुछ दिन वे संभल नहीं पायी थी। सोमेश जी थे भी इतने सेवाभावी, मृदुल और स्नेहिल। मिलनसार तो इतने कि सारा गांव उन्हें अपना … Read more

रावण दहन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

रावण दहन कर घर लौट रही थी सुमित्रा। रास्ते में छोटीसी गली हैं, जो सुनसान रहती है, लेकिन जल्द पहुंच जाते है। अचानक उसे किसी के चीखने की आवाज आई। बिल्कुल हल्की-सी। वहम समझ, कुछ उदासीनता ओढ़ वह आगे बढ़ने लगी। पांव हैं कि वहीं ठिठक गए। खुसर-पुसर की आवाज सुनकर वह उस दिशा में … Read more

घरौंदा – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

माता पिता निहाल हो रहे थे। सोच रहे थे, भले हमने कितना भी संघर्ष किया जीने के लिए, रोटी के लिए, घरौंदे को सजाने के लिए, हमारे बच्चों को, टीना और मोनेश को हमने सबकुछ दिया है। आज छत की चिंता है, न रोजी रोटी की। अमित जी का बहुत बडा व्यापार है। अनीता जी … Read more

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