अनोखा विवाह – चम्पा कोठारी   : Moral Stories in Hindi

यह उन दिनों की बात है जब पहाड़ों में बहुत सादगी से विवाह होते थे। न बाहरी तड़क भड़क व दिखावा न दहेज का आडंबर। कोई दूर या पास के रिश्तेदार ही विवाह हेतु पात्र लड़के लड़कियाँ बताते थे बिना कोई सुविधा शुल्क के। धोखे के चांस ना के बराबर थे। देवेंद्र नाम के लड़के … Read more

अपना घर अपना ही होता है – चम्पा कोठारी  : Moral Stories in Hindi

लता और कमल पति पत्नी हैं। दोनों ग्रामीण  परिवेश में रहते हैं दोनों पढ़े लिखे हैं लेकिन इस तरह की शिक्षा नहीं है कि वह कहीं सरकारी या प्राइवेट नौकरी कर सकें उनके दो बच्चे क्रमशः हर्षिता और अंशुल हैं।  कमल की परचून की दुकान है जिसमें रोजमर्रा की वस्तुएँ रखी रहती हैं घर की … Read more

खानदान की इज्जत – चम्पा कोठारी   : Moral Stories in Hindi

भुवनेश्वरी बुआ बाल विधवा थी लगभग 16 वर्ष मैं उन्होंने  अपने पति  को खो दिया था। 40 वर्ष पूर्व जब रेखा का विवाह हुआ था तब बुआ 45 वर्ष की रही होंगी।पति की मृत्यु के बाद ससुराल  पक्ष की गरीबी और प्रताडना  से ब्यथित होकर बुआ ने मायके  की राह पकड़ी।वहाँ भी दुखी माता पिता … Read more

अशांति – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

सीमा ट्रेन से भोपाल  जा रही थी सेकेंड AC में उसकी बर्थ बुक थी अकेली ही जा रही थी इसलिए उसने आसपास नजर डाली सामने एक अकेले शख्स को बैठे देखा थोड़ी असहज हो रही थी। परंतु ट्रेन चलने से ठीक 10 मिनट पहले ही एक जवान दंपत्ति बदहवास से जल्दी-जल्दी ट्रेन में सवार हुआ … Read more

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

यह विवरण कलयुग में 20 वी सदी के आरंभ की है. धरा की गोद में रहने वाले पेड़ पौधों की छाँव में दिन ब्यतीत हो रहे थे। मिट्टी पत्थर, घास फूस की झोपड़ियाँ ही इंसानों व पालतू जानवरों का आशियाना थे। सभी चाहे इंसान हो या पालतू जानवर एक दूसरे के सुख दुख में सहयोगी … Read more

विवाह त्रासदी – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

बीना अक्सर ही अपनी मौसेरी बहन  सविता के घर आती रहती है। एक तो दोनों बहनें एक ही शहर में पास पास ही रहती हैं। बीना उम्र में सविता से छोटी है पर वह अपने दोनों बच्चों के शादी ब्याह से निबट चुकी हैं।वहीं सविता के दोनों बेटों की शादी अभी तक नही हुई। सविता … Read more

मदद – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

रोज की तरह आनन  फानन में अपना सुबह का काम निबटाकर सुधा अपने स्कूल के लिए निकली ही थी कि सामने फिर वही औरत पड़ गई। “दीदी सुनिए जरा..!!मेरा बेटा भूखा और बीमार है। कुछ खाने के लिए पैसे दे दो!! सुधा को झुंझलाहट हुई। वैसे ही देर हो रही है अब यह कहाँ से … Read more

अकेलापन – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

संस्मरण 20 बर्ष पुराना है।बुजुर्ग अम्मा को दया पिछले कई सालों से मोहल्ले में घूमते हुए देखती थी । कई बार वह जिस मकान में कोई बड़ा गेट नहीं होता था सीधे अंदर चली जाती थी और वहाँ पर कहीं पर भी सीढ़ियों में  बैठ जाती। मकान में रहने वालों को कभी कभी पता भी … Read more

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