किस्मत या कर्मफल – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

आज मानवी अपना सारा गृहकार्य समाप्त कर पढ़ने के लिए बैठी, सासु माँ ने आवाज लगा दी। अरे मानवी चाची जी आयी है। जरा दो कप चाय तो बना दो। मानवी ने झुंझलाकर अपनी किताब बन्द की और पहले आकर चाची सास के चरण स्पर्श कर उनका आशीष लिया और हालचाल लिए। फिर चाय – … Read more

बहु से बहुरानी तक – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

 मध्यमवर्गीय परिवार में आजकल रिश्तों से अधिक धन को महत्व दिया जाने लगा है।अधिकांश लड़ाई-झगड़े,कलह-क्लेश की मुख्य वजह धन ही होता है।       आशुतोष जी के दो बेटे और एक बेटी है।  दोनों बेटे प्रियम और प्रखर  विवाहित हैं। प्रियम बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है और उसकी पत्नी निभा इंटर कॉलेज में व्याख्याता है।छोटा बेटा प्रखर  … Read more

किस्मत का खेल – आशा झा सखी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किस्मत कब चमक जाये कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ न मिलते – मिलते भी एक दम भाग्य के सितारे बुलंद हो जाये और भाग्य का सितारा आभा बिखेरने को तैयार हो जाये। जिस चीज को पाने के लिए अथक प्रयास करते रहे और वो अप्राप्त रही, अचानक ही झोली … Read more

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