स्नेह का बन्धन – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

गुरुग्राम की ऊँची इमारतों के बीच “गैलेक्सी हाईट्स” नाम की एक सोसाइटी थी। ऊपरी मंज़िल पर रहने वाली अन्विता मेहता की ज़िंदगी चमचमाती लाइटों जैसी थी—शानदार, तेज़ और ख़ूबसूरत। उसके पिता रजत मेहता बड़े उद्योगपति थे और माँ संध्या मेहता समाजसेवा से जुड़ी थीं। इसी सोसाइटी की सबसे निचली मंज़िल पर कमला देवी अपने परिवार … Read more

खिचड़ी का मेलजोल – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

बैंड-बाजे के शोर में सुमिता जब ससुराल पहुँची, तो दरवाज़े पर उसकी अगवानी के लिए पूरा परिवार खड़ा था। आरती का थाल, फूलों की वर्षा, ढोल-नगाड़े… और सासू माँ का भावुक बयान— “अब ये घर तेरा ही है, बेटी!” लेकिन सुमिता को जल्दी ही समझ आ गया कि ‘तेरा ही है’ का असली मतलब यह … Read more

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