बेटे की मां हूं, दहेज तो लूंगी – अर्चना खण्डेलवाल 

मुझे लड़की तो पसंद है, लेकिन लड़की वाले कितना दहेज देंगे, और सोने के जेवर में क्या चढ़ायेंगे? एक ही बेटा है मेरा, जब तक मनचाहा दहेज नहीं मिलेगा, मैं यश की शादी नहीं करूंगी, अहंकार से वनिता जी ने फोन पर कहा तो उधर से किरण दीदी ने फोन रख दिया। अरे!! किसका फोन … Read more

 बहू तुम बड़ी पत्थर दिल हो – अर्चना खण्डेलवाल

सुबह -सुबह मेघना जी उठकर रसोई में गई, तो उन्हें वहां कुछ समझ नहीं आया, फिर भी उन्होंने दो -चार रेक खोलकर चाय पत्ती, शक्कर और चाय का बर्तन ढूंढ ही लिया, गांव में तो खुली रसोई थी, सब कुछ सामने ही मिल जाता था, पर ये शहरों की रसोई हर चीज छुपी होती है, … Read more

बहू का भी अस्तित्व  होता है। – अर्चना खण्डेलवाल Moral Stories in Hindi

निधि जल्दी से सामान बांध लो हम कल शाम की गाड़ी से घर जा रहे हैं, मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है, रितेश ने फोन पर कहा। लेकिन रितेश मेरी शाम को जरूरी मीटिंग है, जिसकी तैयारी मैं पिछले एक महीने से कर रही थी और उसमें मेरी प्रजेंटेशन भी है तो मै तो नहीं … Read more

मैं मां का तिरस्कार नहीं सहूंगी….. -अर्चना खण्डेलवाल  : Moral Stories in Hindi

परिधि…….आलोक ने तेजी से आवाज लगाई, तो परिधि अंदर तक हिल गई, और दौड़कर कमरे में पहुंचीं… ये क्या हैं?  तुमने मेरी शर्ट को प्रेस नहीं किया और मुझे आज यही शर्ट पहनकर जाने का मन है। लेकिन आप तो हर शुक्रवार को ऑफिस टी-शर्ट पहनकर जाते हो, इसलिए मैंने सोचा कि कल प्रेस कर … Read more

  एक अनोखा शुभ विवाह – अर्चना खण्डेलवाल: Moral Stories in Hindi

सतीश जी सुबह की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे, मालती जी दो चाय के कप लेकर आ गई, और एक कप उठाकर घूंट -घूंट पीने लगी। इतनी चुप क्यों हो? सतीश जी ने अखबार के पन्नों से नजर हटाकर पूछा, वो सोना के विवाह की चिंता हो रही है, ससुराल और मायके में … Read more

 बेटा, मुझे इस घर से जाना होगा। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बिस्तर पर लेटे हुए गिरिजा जी को नींद नहीं आ रही थी, आंखों से आंसू लुढ़क कर गालों को गीला कर रहे थे, और वो साड़ी के दुपट्टे से उन्हें पौंछे जा रही थी, लेकिन आंसूओं की झड़ी रूक नहीं रही थी। वो तकिये को मुंह में छुपाने लगी, लेकिन उनकी हिचकियां रह-रह कर उन्हें … Read more

 बहू, मैं यहां मुफ़्त का नहीं खाती हूं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी, मेरे ऑफिस जाने का समय हो रहा है, आप यश को दूध पिला देना और कूकर में उसके लिए थोड़ी सी खिचड़ी चढ़ा देना, और हां यश दोपहर को जब सोकर उठे तो ओरेंज जूस भी बना देना, उसमें बर्फ मत डालना, नहीं तो गला पकड़ लेगा और नियति जब स्कूल से आयें … Read more

आपने तो मुझे रोबोट ही समझ लिया – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

पूनम मटकी का एक गिलास ठंडा पानी ले आ, और ये आम पानी में डाल दें, साथ ही गैस पर चार कप चाय चढ़ा दें, फ्रिज से लौकी निकालकर रख दें, टमाटर और मिर्ची भी, और हां धनिया भी ताकि शाम की चाय के साथ-साथ सब्जी की तैयारी भी हो जायेगी, मौसी ने‌ जो बीकानेरी … Read more

मन की गांठे खुल जायेगी – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मै रायपुर नहीं जाऊंगी, आपको जाना है तो आप चले जाओं, वैसे भी उस घर में कोई इज्जत और मान-सम्मान तो मिलता नहीं है, आपकी मम्मी है, आपका भाई है आपको जाना हो तो चले जाओं, निधि ने एक सांस में ही सब कह दिया, जतिन ने ज्यादा बहस नहीं की, क्योंकि उसे भी पता … Read more

मेरा पति कमा रहा है, मै क्यों समझौता करूं ? – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बहू, फिर से शॉपिंग !!अभी दस दिन पहले ही तो तुम गई थी, और ये सेल का इतना सामान फिर से ले आई इनमें पैसे बर्बाद मत किया करो, भारती जी ने समीक्षा को टोका तो उसका पारा चढ़ गया। मम्मी जी, मेरा घर है, मेरा पति कमा रहा है, आपको क्या तकलीफ़ हो रही … Read more

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