सीमा रेखा – अर्चना सक्सेना : Moral Stories in Hindi
“उफ तंग आ गया हूँ मैं इस दिखावे की ज़िंदगी से। कितनी बार कहा है जितनी चादर है उतने ही पैर फैलाना सीखो लेकिन तुम्हें जब भी मायके जाना होता है तुम मेरी दो महीने की तन्ख्वाह जितने पैसे पन्द्रह दिन में उड़ा आती हो। सारी जमापूँजी खत्म होने को आई, आखिर कब तक ऐसे … Read more