रेशमी साड़ी – अर्चना नाकरा : Moral Stories in Hindi

मां खुद के लिए कभी कुछ क्यों नहीं खरिदती थी नानी ने दे दिया… कभी मामा ने ! ‘पापा क्यों नहीं, मां के लिए कुछ लेकर आते थे’ दादी के लिए भी तो लेकर आते थे .. उसे समझ में नहीं आता था पुलकित अब छोटा नहीं रहा था तिस पर मां ‘रसोई की गर्मी … Read more

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