“बड़ा दिल” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi
अपना और अपनी पत्नी का सामान दोनों हाथों में टाँगे मैं लंबी -लंबी डग भरते हुए चल रहा था। बीच-बीच में पलटकर देख भी ले रहा था कि विभा मेरे पीछे है या नहीं! कभी-कभी वह बहुत पीछे रह जाती थी तो मैं जोर से आवाज लगा रहा था….विभा…..विभा आ रही हो ना! वह तुनक … Read more