मोक्षद्वार – अनुज सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“सुदर्शन सुदर्शन पिताजी पिताजी की साँस नही चल रही है डाक्टर भी आने वाले हैं।मुझे समझ नही आ रहा क्या  करूं?मम्मी और मैं अकेले ही हैं ।” फोन पर रोते हुए शीतल ने अपने भाई को बात बताई “अरे मैं अभी निकल रहा हूँ दीदी आप चिंता मत करो सुबह तक पहुंच जाऊँगा। “ सुदर्शन … Read more

सुनहरी धूप – अनुज सारस्वत  : Moral Stories in Hindi

“मम्मी आप मुझे यूं आप भाभी से छुप छुप के सामान रूपये मत दिया करो।ये बहुत नाराज होते हैं।कहते हैं कोई कमी रखी जा रही जो यह काम हो रहा ।वो तो मैं कह देती हूँ कि माँ बाप का प्यार है मैं कैसे मना करूं।लेकिन आपको तो पता है ये बहुत खुद्दार हैं।शुरू से … Read more

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