खुशियों की तलाश – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi
सब कुछ है, पर न जाने क्यों हमारा ही घर खुशियां तलाशता रहता है, मन ही मन रमा सोच रही थी। फिर हिम्मत कर महेश से बोली, “सुनो जी! विभू नए लैपटॉप के लिए बोल रहा है।” “अभी दो साल पहले ही तो उसे लैपटॉप दिलवाया था, नए की क्या जरूरत है?” महेश जी मानो … Read more