बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

विनय और तनवी एक दूसरे के पूरक थे। क्या मजाल कि बिन अपने पापा की मर्जी के खिलाफ तनवी कोई तिनका भी उठा ले। पर.. वही तनवी आजकल कुछ कुछ बदलने लगी थी। नहीं, यह सोलह बरस वाली उम्र का तकाज़ा नहीं था। बात बस इतनी थी कि 15 साल पहले उसकी माँ रुपाली, जो … Read more

अनकहा प्यार – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा ‘: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कुछ खोजती आँखे, बात करने का अलग ही अंदाज – जाने कब तुम से प्यार हो गया, खुद मुझको ही पता न चला । अहसास तो शायद तुमको भी था, पर शायद तुम्हारे लिए दोनों की उम्र में दस वर्ष का फासला ही सबसे बड़ी दीवार था । बड़े भैया … Read more

एहसास – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किशोरावस्था शायद होती ही ऐसी है कि दिल नित नए सपने देखने लगता है। बचपन से किताबों से दिल लगाने वाली सुमि भी इस नए एहसास से अछूती ना रही । बारहवीं के पेपर हो चुके थे और रिजल्ट आने में कुछ दिन बाकी थे । शाम के वक़्त जब … Read more

आशीर्वाद – अंजू गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“संसार में रूप सबके सिर चढ़कर बोलता है” जानवी ने यह अब जाना था। साधारण नैन नक्श पर ह्रदय से कोमल और समझदार बीस वर्षीया जानवी ग्रेजुएशन कर चुकी थी और अब उसके लिए उपयुक्त रिश्ता देखा जा रहा था। पर, उसका गेहुआं रंग और साधारण कद काठी उसके सबसे बड़े दुश्मन प्रतीत हो रहे … Read more

रिहाई (भाग 5) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देवप्रिया भी अब ज़िंदगी में आगे बढ़ चली थी । आज जब वह घर आई तो उसके पापा उसे एक पत्र पकड़ा कर अपने कमरे में चले गए । लिखावट देख कर ही वह पहचान गयी थी कि यह पत्र राजन ने लिखा है। लगभग दो वर्ष बाद राजन ने उससे सम्पर्क करने की कोशिश … Read more

रिहाई (भाग 4) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 राजन को मुंबई गए हफ्ते से ज्यादा हो गया था । इस बीच उसने खुद कोई फ़ोन भी न किया था । जब भी देवप्रिया ने फ़ोन किया , उसे लगा की राजन के मन में कोई कशमकश चल रही है । नई नौकरी और खुद को काबिल साबित करने की टेंशन थी या कोई … Read more

रिहाई (भाग 3) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 बेंगलूर जाने के बाद लगभग रोजाना ही दोनों में बातचीत हो जाती थी । अपने सुखद भविष्य की उम्मीद में राजन दिल लगा कर मेहनत कर रहा था। आज, छह महीने बाद वो उससे मिलने आने वाला था । देवप्रिया ने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी ताकि वह अपना पूरा दिन राजन के साथ … Read more

रिहाई (भाग 2) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देवप्रिया वैसे तो खुले दिल की थी पर राजन की एक कजिन का वक्त बेवक्त फ़ोन आना उसे हर बार खटकता था । उसने सुन रखा था कि दक्षिण भारतियों में कजिन से शादी हो सकती है, इसलिए उसने राजन से इसके बारे में पूछा भी । इस पर राजन ने हँसते  हुए बताया कि … Read more

रिहाई (भाग 1) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आकाश में काले बादल घिर रहे थे और बिजली चमक रही थी, लगता था जैसे भयानक तूफान आने वाला है । पर उससे कहीं अधिक तेज़ तूफान देवप्रिया के भीतर चल रहा था ।” मैं गलत थी राजन कि मैंने तुमसे प्यार किया । तुमसे प्यार करना ही मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी … Read more

गलती किसकी ?- अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

जून की चिलचिलाती धूप में सुधा अभी घर के बाहर पहुँची ही थी कि उसे घर के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दीं l उसकी जेठानी और पड़ोसन बैठी उसी की बातें कर रही थीं l उसकी जेठानी कह रही थी, “अरे बहन क्या बताऊँ, नई देवरानी तो कुछ काम ही नहीं करती है l  … Read more

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