खुशियों की तलाश – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’  : Moral Stories in Hindi

सब कुछ है, पर न जाने क्यों हमारा ही घर खुशियां तलाशता रहता है, मन ही मन रमा सोच रही थी। फिर हिम्मत कर महेश से बोली, “सुनो जी! विभू नए लैपटॉप के लिए बोल रहा है।” “अभी दो साल पहले ही तो उसे लैपटॉप दिलवाया था, नए की क्या जरूरत है?” महेश जी मानो … Read more

विंडो सीट – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

गर्मियों की छुट्टियों के समय कन्फर्म सीट मिलना कोई आसान बात न थी । भतीजी की सगाई एकदम से तय हो गयी थी, सो जाना भी जरूरी था । विनय को ऑफिस से छुट्टी न मिल पायी थी। एक-दो दिन में आने का वायदा कर उसने सुरभि को जयपुर से चलने वाली जयपुर – चिन्नेई … Read more

धड़कन – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

सात बजे का अलार्म के बजते ही नित्या रोज़ की तरह रसोई के काम निपटाने लग गयी। वह कॉलेज में प्रोफेसर थी और दिन में उसे सिर्फ दो या तीन लेक्चर ही लेने होते थे ।आज उसका लेक्चर ग्यारह बजे था, सो आज आराम से घर के बाकि काम भी निपटा सकती थी । रोज … Read more

जिम्मेदारियों का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“सुनो, बच्चे बड़े हो गए हैं। कोई घर में आए, तो अब बुरा लगता है। आपसे पहले भी कहा था कि पुराना फर्नीचर बदल लेते हैं।” सुधा ने याद दिलवाया। “हूं” कहते हुए प्रेम जी ने बेहाल सोफे का जायका लेते हुए नज़र फेर ली। “मम्मी यार, यह बाद में देख लेंगे। पापा, आपसे पहले … Read more

समर्पण – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

सुबह -सुबह चाय की चुस्कियों के बीच राहुल ने पत्नी सोना से अचानक पूछा – “क्या तुमने कभी किसी से प्यार किया है?“ यकायक ऐसा अटपटा प्रश्न सुन कर सोना घबरा सी गई कि कहीं उसके मुँह से कुछ निकल तो नहीं गया या …. । इससे पहले वह कुछ बोल पाती, राहुल ने दूसरा … Read more

अनकहा प्यार – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

कुछ खोजती आँखे, बात करने का अलग ही अंदाज – जाने कब तुम से प्यार हो गया, खुद मुझको ही पता न चला । अहसास तो शायद तुमको भी था , पर शायद तुम्हारे लिए दोनों की उम्र में दस वर्ष का फासला ही सबसे बड़ी दीवार था । बड़े भैया के दोस्त थे तुम … Read more

बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

विनय और तनवी एक दूसरे के पूरक थे। क्या मजाल कि बिन अपने पापा की मर्जी के खिलाफ तनवी कोई तिनका भी उठा ले। पर.. वही तनवी आजकल कुछ कुछ बदलने लगी थी। नहीं, यह सोलह बरस वाली उम्र का तकाज़ा नहीं था। बात बस इतनी थी कि 15 साल पहले उसकी माँ रुपाली, जो … Read more

अनकहा प्यार – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा ‘: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कुछ खोजती आँखे, बात करने का अलग ही अंदाज – जाने कब तुम से प्यार हो गया, खुद मुझको ही पता न चला । अहसास तो शायद तुमको भी था, पर शायद तुम्हारे लिए दोनों की उम्र में दस वर्ष का फासला ही सबसे बड़ी दीवार था । बड़े भैया … Read more

एहसास – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किशोरावस्था शायद होती ही ऐसी है कि दिल नित नए सपने देखने लगता है। बचपन से किताबों से दिल लगाने वाली सुमि भी इस नए एहसास से अछूती ना रही । बारहवीं के पेपर हो चुके थे और रिजल्ट आने में कुछ दिन बाकी थे । शाम के वक़्त जब … Read more

आशीर्वाद – अंजू गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“संसार में रूप सबके सिर चढ़कर बोलता है” जानवी ने यह अब जाना था। साधारण नैन नक्श पर ह्रदय से कोमल और समझदार बीस वर्षीया जानवी ग्रेजुएशन कर चुकी थी और अब उसके लिए उपयुक्त रिश्ता देखा जा रहा था। पर, उसका गेहुआं रंग और साधारण कद काठी उसके सबसे बड़े दुश्मन प्रतीत हो रहे … Read more

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