अधूरी पूर्णता – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

सुरभि ने रोहन के कॉलर को सँवारते हुए अचानक कहा— “चलो रोहन! क्यों न हम दोनों शादी कर लें?” रोहन ने हल्की मुस्कान के साथ उसकी ओर देखा और बोला— “अरे, ऐसी भी क्या जल्दी है? पिछले पाँच साल से तो हम बिना शादी के ही साथ रह रहे हैं।” सुरभि की आँखों में एक … Read more

विश्वासघात – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ :  Moral Stories in Hindi

रीवा और साक्षी की दोस्ती कॉलेज की दहलीज़ पर पनपी थी। पहली ही मुलाक़ात में दोनों के बीच ऐसा जुड़ाव हुआ कि बाकी लड़कियाँ उन्हें अक्सर ‘जुड़वाँ’ कहकर चिढ़ातीं। चाहे कैंटीन में बैठकर कॉफी पीना हो या लाइब्रेरी में घंटों किताबों के बीच खो जाना—दोनों हर जगह साथ दिखाई देतीं। रीवा मेहनती, शांत और गहराई … Read more

पछतावे का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज के हरे-भरे कैंपस की भीड़-भाड़ के बीच रिया अक्सर पेड़ों की छाया तले किताब लेकर बैठी मिलती। आस-पास दोस्तों की हंसी-ठिठोली गूंजती रहती, क्रिकेट और डिबेट्स की आवाज़ें माहौल में तैरतीं, पर उसकी दुनिया किताब के पन्नों और सपनों की खामोश गलियों तक ही सिमटी रहती। उसी भीड़ में एक चेहरा … Read more

किस्मत भाग -10 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

“ऐसी हीरोइन… जिसे दूसरे कॉलेज का हीरो उड़ाकर ले गया।” , रिया ने जानबूझकर ताना मारते हुए विपुल की ओर देखा। विपुल के चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान थी, मगर उसकी आँखों में चोट साफ़ झलक रही थी।वो चाहकर भी पलटकर कुछ नहीं बोला… बस गहरी साँस लेकर नज़रें झुका लीं। ———– अब आगे ———– विपुल की … Read more

किस्मत भाग -9 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

इधर सुमि और विपुल अपने अतीत और वर्तमान की उलझनों को सुलझा रहे थे, तो दूसरी तरफ़… शाम के वक़्त पार्क की बेंच पर सुमन अकेली बैठी थी। पैरों से पत्तों को बार-बार ठेलते हुए जैसे वो अपने भीतर की बेचैनी को दूर करना चाह रही थी। उसकी उँगलियाँ अनजाने में बेंच के किनारे खुरच … Read more

किस्मत भाग -8 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा :Moral Stories in Hindi

इधर कॉलेज से घर पहुँचते ही विपुल बिस्तर पर ढह गया।लेकिन दिमाग में बार-बार वही पल घूम रहा था —जब उसने विकास से हाथ मिलाया था, मुस्कुराकर उसे बधाई भी दी थी। लेकिन सुमि की मुस्कान, उसका शरमाना, नज़रें झुकाना, हर बात उसके दिमाग में घूम रही थी—सुमि, जिसे वह न जाने कब से पसंद … Read more

किस्मत भाग -7 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

सच में वो बिलकुल फ़िल्मी सीन ही था। सुमि अभी भी चांदनी फिल्म की हीरोइन की तरह शरमा रही थी। उसने चुपचाप अपने बाल कान के पीछे सरकाए और नज़रें झुका लीं। विकास के चेहरे पर एक अलग ही शरारती मुस्कान थी, जिसे सिर्फ सुमि ही समझ सकती थी। इधर कशिश भीतर ही भीतर जल … Read more

किस्मत भाग -6 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

कुछ दिन बाद कॉलेज में कल्चरल प्रोग्राम था और सभी उसकी तैयारियों में बिजी थे।  पर सुमि तो अपनी ही दुनिया में खोई रहती।विकास का यूँ सामने आकर प्रपोज़ करना, उसका ध्यान रखना—यही खयाल उसे गुदगुदाता रहता। शायद यही वजह थी कि विपुल के बार-बार कहने पर भी उसने सिंगिंग में अपना नाम नहीं लिखवाया। अब … Read more

किस्मत भाग -5 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

रात का पूरा वक़्त सुमि के लिए किसी सपने जैसा बीता था। पिछली शाम की हर एक बात उसके दिल के कोने-कोने में गूंज रही थी। विकास का — “आई लव यू” कह उसे बाहों में भर लेना… बार-बार उसकी धड़कनों को तेज़ कर देता था । नींद तो जैसे उसकी आँखों से कोसों दूर … Read more

किस्मत भाग -4 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा : Moral Stories in Hindi

कॉलेज का वातावरण अब पूरी तरह रंग पकड़ने लगा था। विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी मंडलियाँ बना ली थीं—कहीं हँसी-ठिठोली के साथ चाय की चुस्कियाँ, कहीं किताबों के बीच गहरी बहसें, और कहीं क्लासरूम में सवालों-जवाबों की आवाज़ें। इसी दौरान एक दिन क्लास में घोषणा हुई – “स्टूडेंट्स! हमें इस क्लास का प्रतिनिधित्व करने के लिए दो … Read more

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