विश्वासघात – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

रवि और ज्योति की शादी लव मैरिज थी। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे और जीवन में साथ आगे बढ़ने के कई सपने देखे थे। लेकिन, रवि के परिवार, खासकर उसकी मां और बहन को यह शादी मंजूर नहीं थी। माँ ने बेटे की खुशी के लिए शादी की इजाजत दे दी, लेकिन उन्होंने … Read more

हर रिश्ते में प्यार और अपनापन होना जरूरी है – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 88

 सीमा और उसके पति की दो बेटियां थीं, और उनके लिए यह दो बेटियां ही उनका संसार थीं। उन्होंने यह निश्चय कर लिया था कि उनकी बेटियां ही उनका सहारा होंगी, और इसी कारण उन्होंने और बच्चे न करने का फैसला किया। सीमा और उसके पति ने अपनी बेटियों को सबसे अच्छे संस्कार और शिक्षा … Read more

गरीब मायका – अंजना ठाकुर . : Moral Stories in Hindi

New Project 98

इस कहानी में दो बहुओं की भावनाओं और उनके बीच की खटास का चित्रण है। आरती और विधि, दो बहुएँ जो एक ही परिवार का हिस्सा थीं लेकिन एक-दूसरे से बहुत अलग। जहाँ आरती संपन्न परिवार से थी, वहीं विधि का मायका साधारण था। इसी असमानता ने दोनों के बीच एक खाई बना दी थी। … Read more

ठोस कदम – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 41

रानी एक मेहनती और आत्मसम्मान से भरी हुई महिला थी। तीस की उम्र पार कर चुकी थी और समाज में निचले तबके से आने के बावजूद भी उसके आत्मसम्मान में किसी तरह की कमी नहीं थी। वो कई घरों में बर्तन मांजने और सफाई का काम करती थी। उसकी ईमानदारी और मेहनत की वजह से … Read more

परिवार का असली आधार सादगी और आपसी सम्मान होता है – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104818.633

अंजली और राजीव की शादी को छह साल हो चुके थे, और दोनों अपने बेटे किट्टू के साथ शहर में एक अच्छी जिंदगी बिता रहे थे। राजीव एक प्रतिष्ठित कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत था और अंजली गृहिणी होने के साथ-साथ आधुनिक सोच रखने वाली महिला थी। उसे अपनी शहरी जीवनशैली से प्यार था … Read more

कर्जदार – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 44

मधु की शादी को अभी कुछ ही दिन हुए थे उसने देखा उसकी ननद  तनु चलने मैं असमर्थ थी  लेकिन सहारा ले कर थोड़ी दूर चल लेती थी ।पर फिर भी घर के लोगों ने उसे दूसरों पर निर्भर बना दिया उनको लगता कहीं गिर न जाए या उसे ऐसा नहीं लगे की कोई उसका … Read more

बात आत्मसम्मान की ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 58

सुमन अपने ससुराल मैं बहुत खुश थी शादी के पांच साल हो गए थे उसने पूरे घर को अपना बना लिया था सास ,ससुर ,देवर ,पति और एक प्यारी सी बेटी पा कर सुमन खुश थी सब लोग सुमन को मान भी बहुत देते ।सुमन का ससुराल भी मध्यम वर्गीय है और मायका भी तो … Read more

भूल _अपना समझने की । – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 86

विनोद जी ने बहुत दौलत कमाई पर एक मलाल रह गया उनके कोई बेटा नहीं थी एक के बाद एक तीन लड़कियां  हो गई । तीसरी बेटी के समय पत्नी को गर्भाशय मैं दिक्कत हो गई थी जैसे तैसे मां बेटी की जान बची डॉक्टर ने साफ कह दिया की अब मां बनी तो जान … Read more

ये तेरा घर _ये मेरा घर ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 84

मां राहुल दस दिनों के लिए काम के सिलसिले मै बाहर जा रहे है तो मैं रहने के लिए आ रही हूं मीनू  की आवाज मैं मायके जाने की अलग ही खुशी थी मां भी ये सुनकर बहुत खुश हुई पर अगले पल ही कुछ सोचने लगी  की मीनू अभी एक महीने पहले ही रहकर … Read more

अपना अपना – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 41

गुरुर  आज इस्त्री के लिए नीरा कपड़े देने आई तो पहले तो इस्त्री वाले पर चिल्लाई की तुम्हारा बेटा कपड़े लेने क्यों नहीं आ रहा ।और एक घंटे मै करके पहुंचा देना । इस्त्री वाला बोला मैडम अभी मेरे बेटे की परीक्षा चल रही है तो कुछ दिन आप लोगों को ही आना पड़ेगा लेने … Read more

error: Content is Copyright protected !!