थाम लो दामन खुशियों का – अनिता गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

दोपहर का काम खत्म करके लेटी ही थी कि कॉल बेल बज उठी।  “ ओहो ! इस समय कौन आ गया ? “ बुदबुदाते हुए दरवाज़ा खोला तो सुखद आश्चर्य से भर उठी । “ अरे कमली तू ! तू तो बिलकुल ही बदल गई है ?” मैंने उसे अन्दर आने की जगह देते हुए … Read more

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