आंसू बन गए मोती – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 44

एक रात माँ को सपना आया कि उसके बेटे की मौत हो जाती है माँ एक दम बदहवास सी होकर उठती है और जोर से भैया का नाम लेकर चिल्लाने लगती है मैं तब पन्द्रह साल की थी मुझसे छोटी तीन और बहनें थी जिनकी उम्र तेरह, ग्यारह और नौ साल थी। चार बहनों के … Read more

वो रातें – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 56

बात उन दिनों की है जब मुझे जंगलात विभाग में फारेस्ट गार्ड की नौकरी मिली। मेरी पोस्टिंग दूसरे जिले में हुई मैं अपनी माँ और बीबी को लेकर बहां शिफ्ट हो गया। कुछ ही दिन हुए थे कि जंगल से खैर के पेड़ काटने की शिकायतें आने लगी काफी कोशिश करने के बाबजूद चोर पकड़ा … Read more

स्नेह का बंधन – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 98

तेंदुए के हमले से वो बुरी तरह जख्मी हो गया था जैसे कैसे उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टर ने उसकी मरहम पट्टी दवाई इत्यादि करके घर भेज दिया  मगर अभी वो पूरी तरह ठीक नही हुआ था अंदर ही अंदर शायद दर्द में था जिसे वो बोलकर बता नही पा रहा था मगर उसका … Read more

ननद – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 66

तुझे खाना ठोकने से फुरसत मील तो बाहर कपड़े पड़े हैं धोने को जब देखो मुहं चलाती रहती है खाने को। न काम की न काज की दुश्मन अनाज की हमारी छाती पे बिठा दी मूंग दलने को। तेरे बाप से तेरे खाने का खर्च पूरा नही हो रहा होगा इसीलिए बिना दहेज के फटाफट … Read more

नई टीशर्ट – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 99

लालू की दिल्ली में एक फैक्टरी में नई नई नौकरी लगी तो बीबी बच्चों को छोड़कर दिल्ली चला गया। आज लालू की छुट्टी थी कुछ दोस्तों के साथ चांदनी चौक घूमने चला गया वहां कपड़ों की सेल लगी हुई थी। लालू को एक टीशर्ट पसंद आ गई जो सौ रुपए की थी मगर थी थोड़ी … Read more

एक फैंसला आत्मसम्मान के लिए – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 05 05T225422.575

सावित्री आज दस साल बाद जेल से बाहर निकलती है जैसे ही गेट से बाहर आती है सामने नीली बत्ती वाली गाड़ी उसका इंतजार कर रही होती है। डीएसपी साहिबा और एक लड़की गाड़ी से बाहर निकलती है और आंसुओं से भरी आंखों के साथ सावित्री के सामने खड़ी होकर उसे सल्यूट करके उसके पैर … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 35

मनमीत और रेखा की शादी हुए तीन साल हो गए थे उसकी पत्नी रेखा बहुत ही सुंदर और सरल स्वभाव की थी पूरा दिन घर के काम में लगी रहती। सारा काम करने के बाबजूद उसकी सास हमेशा उसे कोसती रहती बात बात पर ताने मारती रहती क्योंकि शादी के तीन साल बाद भी रेखा … Read more

बड़ी बहू – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 80

अरे कुछ तो कुल की मान मर्यादा के बारे में सोचा होता क्या मुहं दिखाएंगे समाज को रिश्तेदारों को क्या बताएंगे हम कि किस नीच मनहूस को ब्याह के लाया है। पूरी दुनिया मे तुझे यही मिली थी क्या अपनी जाति में लड़कियां खत्म हो गईं थी पता नही कैसे इसने मेरे बेटे को अपने … Read more

वक्त पर काम आना – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

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मानव और मनमीत दोनो एक ही गांव से थे दोनो ही गरीब परिवारों के थे मनमीत मानव से सात साल बड़ा था जो कि शहर में छोटी मोटी नौकरी कर रहा था और मनमीत नौकरी की तलाश में था कुछ जगह धक्के खाने के बाद उसने विदेश जाने का मन बनाया गांव की सोसाइटी में … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 86

एक छोटी सी गलतफहमी की बजह से घर मे ऐसा बबाल मचा की घर चार हिस्सों में बंट गया। आंगन के नाम पर चार गलियां सी बन गई और हंसता खेलता परिवार एक दूसरे का दुश्मन बन गया। अब एक दुसरे से बात करना तो दूर एक दूसरे को देखना भी गंवारा न था। और … Read more

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