बद्दुआ – के आर अमित

नया नया बंदूक का लाइसेंस बनवाया था। अब पूरे गांव में वो पहला और इकलौता शख्स था जिसके पास दोनाली बंदूक थी। भैंस चराने जंगल जाता तो बंदूक चंबल के डकैतों की तरह कंधे पे रखकर निकलता था। बार बार हाथ अनायास ही मूछों पे चला जाता चाल भी पहले से बदल गई थी। एक … Read more

ढलती सांझ – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

गर्मियों की दोपहर समय करीब तीन बजे का रहा होगा। मैंने दराती उठाई और खेतों की तरफ निकल पड़ा। गेहूं की फसल पक चुकी थी और खेत लहलहा रहे थे फसल बहुत अच्छी हुई थी इसबारऔर होती भी क्यों न आखिर हर कीटनाशक ,यूरिया की खाद भर भरकर डाला था। खेतों तक पहुंचते पैर तपने … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाता है वो खुद भी कभी खुश नही रह पाता है। – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

पकौड़े तलने की खुशबू हवा में घर के आंगन तक फैली हुई थी, छोटी सी रसोई में माया देवी जिसका चेहरा समय और कठिनाइयों से उकेरी गई झुर्रियों का आईना सा था, वो सावधानी से सुनहरे पकौड़ों को एक प्लेट पर रख रही थी । उसकी टेढ़ी-मेढ़ी उंगलियाँ अभ्यास से बड़ी सहजता से चलती थीं, … Read more

घर की इज्जत – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

“साढ़े छः फुट के तुम्हारे पिताजी पगड़ी पहनकर सिर झुकाकर चलेंगे तो कैसे लगेंगे? तुम्हारा छोटा भाई क्या लोगो के तानो के बाद जी भी पाएगा? तुम्हारी माँ किसी से नजर मिला पाएगी? कल को हमारी बेटी कोई गलत कदम उठाएगी तो उसे कैसे रोकेंगे वो सवाल करेगी तो क्या जवाब देंगे?”  मुझे नही पता … Read more

पड़ोसियों और परिवार में यही तो अंतर होता है बेटा – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

पूरा दिन तुम्हारी बीबी गाय भैंस गोबर घास के काम मे लगी रहती है एक मिनट कभी उसे आराम करते नही देखा। और छोटी वाली बस चार रोटियां बना दी या थोड़ी बहुत साफ सफाई कर दी भला ये भी कोई काम हुआ। कहना तो नही चाहती मगर तुम्हारी बीबी को नौकर बनाकर रखा है। … Read more

फूटी आंख न भाना – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

मां बाप की जिद्द के आगे न चाहते हुए मानव कुछ बोल न  सका और मनप्रीत से शादी करने को तैयार तो हो गया मगर दिल से अपनाने को नही। मानव ऊंचा लंबा कद एक दम हीरो के माफिक दिखने वाला गबरू जवान था। अच्छा पढ़ा लिखा होने के साथ साथ संस्कारी भी था। उसके … Read more

इतना बड़ा दिल तो एक मां का ही हो सकता है – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

“बेटा महंगाई दिन ब दिन आसमान छू रही है ऊपर से तेरी बेटी भी बड़ी हो रही है उसकी शादी भी करनी है तुझे। तू मेरी फिक्र मत कर मैं यहां बहुत खुश हूं अपना ख्याल रखना । यहां मेरे जैसे कितने ही लोग हैं एक दूसरे की बातें सुनकर दिन कब निकल जाता है … Read more

अपमान बना वरदान – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

सुमन एक मध्यवर्गीय परिवार की लड़की थी। पिता किसानी करते थे एक छोटा भाई था। जब वो ग्यारह साल की थी तो उसकी मां बीमारी के कारण च बसी उस बक्त उसका भाई चार साल का था ।सुमन पढ़ने में शुरू से ही बहुत होशियार थी हमेशा क्लास में फर्स्ट आती थी। पढ़ाई के प्रति … Read more

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