शुभ विवाह – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

अंजू ने उसे आते हुए खिड़की से छुपकर देखा था तो वो थोड़ा मुस्कुराते हुए कहती है कि आपको मेरी हाइट कम नही लग रही। इस पर मानव भी मुस्कुराता है और कहता है कि मैंने कहाँ माप के देखी है। फिर वो दोनों सामने लगे बड़े शीशे के पास खड़े हो जाते हैं अंजू … Read more

शुभ विवाह – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

कहानी उस दौर की है जब कश्मीर की सर्द वादियां साम्प्रदायिकता की आग में झुलसने लगी थीं राज्य से हिंदुओं पर अत्याचार की छुटपुट घटनाएं हर रोज सामने आ रही थीं। कश्मीर की एक छोटी सी ब्राह्मण बस्ती में रमेश डोगरा नाम के पंडित का परिवार रहता था उनकी दो बेटियां थीं बड़ी बेटी अंजू … Read more

पश्चाताप – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

एक माँ के बलिदान की ये वो ह्रदयविदारक तसवीर थी जिसने न सिर्फ सुंदर लाल को बल्कि पूरे गांव की आत्मा को झंकझोर दिया था हर किसी की आँखे छलक रहीं थी हर कोई यही दुआ कर रहा था कि भगवान ऐसा बक्त किसी पर न लाए। वो माँ चाहती तो अपनी जान बचा सकती … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी – अमित रत्ता  : Moral Stories in Hindi

आज आप फिर कोई सब्जी लेकर नही आए क्या बनाऊंगी मैं आपको तो पता है ना माँ जी को सर्दी हुई है भला हम तो लस्सी और आचार के साथ खा लेंगे मगर माँ जी को क्या बोलूंगी कैसे  दूंगी खाना। आज फिर मुझे चार बात सुननी पड़ेंगी। चलो देखती हूँ उनके लिए चाय अचार … Read more

संयुक्त परिवार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

अपनी तेरह साल की बेटी के साथ हुई बर्बरता को देखकर आज रीना उस घड़ी को कोस रही थी जब उसने परिवार को छोड़कर अकेले रहने का फैंसला लिया था। आज उसे अपने पति की बात याद आ रही थी मगर अब सबकुछ खत्म हो चुका था पछताने के अलावा उसके पास कोई चारा नही … Read more

 मुहँ मोड़ना – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

एक बार बृद्धाश्रम में मेरा जाना हुआ बाहर एक अम्मा बैठी बैठी चश्मा साफ कर रही थी मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसके बारे में पूछने लगा कि अम्मा आपका यहां कैसे आना हुआ क्या आपके परिवार में कोई नही है? थोड़ा जोर डालने पर वो बोली नही बेटा ऐसी बात नही है … Read more

स्वार्थी संसार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

कल तक अम्मा बाबा बुलाने वाले लोग अब उन्हें बूढ़ा, बुढ़िया कहकर बुलाते थे। जो लोग एकदूसरे से पहले खाना लेकर पहुंच जाते थे आज उन्हें पीनी पिलाने की गुहार भी लगाते तो कोई न कोई बहाना मारकर निकल जाते देखते ही देखते दोनों की जिंदगी जानवरों से बदतर हो गई। इसके पीछे बजह था … Read more

“दिखावे की जिंदगी” – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

एहसानों के तले दबी पारुल सूर्यांश को नाराज कैसे कर सकती थी वो बियर के लिए राजी हो गई दोनों ने एक होटल में जाकर बियर पी और कब नशे में उनमे संवंध बन गए कुछ पता ही नही चला। जब होश आया तो सब कुछ गंवा चुकी थी मगर सूर्यांश ने उसे भरोसा दिलाया … Read more

दिखावे की जिंदगी – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

लड़की प्लेट में दशहरी आम के लम्बे लम्बे पीस काटकर लाती है और प्लेट में दो चम्मच रख देती है। जैसे ही मनमीत की नजर उस प्लेट पर पड़ती है बो सोचने लगता है कि ये क्या ये तो नया ही तरीका है आम खाने का हमारे यहां तो पकड़कर चूस देते हैं जब तक … Read more

नफरत की दीवार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

रुकसाना और अरशद निकाह से ज्यादा इस बात से खुश थे कि पहली बार पूरे कमरे में सिर्फ वो दोनों ही सोने वाले थे। दरअसल रुकसाना आठ भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। घर में दो ही कमरे थे एक मे सात भाई बहन और दूसरे में अब्बू अम्मी और सबसे छोटा भाई। एक ही … Read more

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