बदलते रिश्ते (भाग-9) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi
मैं हंसते हुऐ बोली “कुछ भी बोलती है”। पर मन ही मन मैं भी सोच रही थी ‘क्या कुछ खिचड़ी पकेगी हमारे बीच’ या बस एक तरफा प्यार ही रह जाएगा? दिन निकलते जा रहे थे, इम्तिहान के दिन भी आ गए। सब प्रोफेसरों ने हमें पेपरों से पहले शुभकामनायें और परिक्षा में अच्छा करने … Read more