शुभ विवाह – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

पंडित दीनानाथ जी, बेटी के लिए लड़का ढूंढ- ढूंढ कर परेशान हुए जा रहे थे। लड़का ढूंढते हुए, उन्हें कई वर्ष हो गए, जब बेटी बाईस  वर्ष की ही थी, तभी से उन्होंने लड़का देखना आरंभ कर दिया था, सोच रहे थे -समय रहते ही, बेटी का विवाह हो जाए और वो सुरक्षित अपनी ससुराल … Read more

 बदलाव – साहिबा टंडन : Moral Stories in Hindi

खचाखच भरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब विनोदिनी के नए कविता संग्रह ‘मृगतृष्णा’ का लोकार्पण हुआ. सभागार की पहली पंक्ति में बैठे पलाश और ज्योति यह देखकर बेहद खुश हुए. वे विनोदिनी के भईया भाभी थे. विनोदिनी ने अपनी उपलब्धि का श्रेय उन्हीं को दिया था . वापिस लौटेते वक्त कार में … Read more

कच्चा चिठ्ठा खोलना – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

बबलू आजकल गाँव की चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ था। पाँच साल पहले जो लड़का टूटी चप्पल पहनकर शहर गया था, वो अब चमचमाती गाड़ी में लौटा था। सूट-बूट, महंगे चश्मे और हाथ में मोबाइल… जैसे कोई फिल्मी हीरो। उसके पिता, रामदयाल, छाती चौड़ी करके कहते, “हमार बेटा अब साहब बन गया है! … Read more

पत्नी तो कब बन गयी थी परंतु बहू और भाभी तो आज बनी है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

‘भाभी दवा खा लो ,-ननद रमा दवा और दूध लेकर हाजिर थी। वह उठकर दवा खाली और दूध पी लिया।तब तक बूढ़ा श्वसुर दवाई और बाकी समान लेकर आ गया था।सास ने इसके कपड़े धोये थे।समान ठीक किया था।मैके से कोई झांकने नहीं आया था।यह दुखी होकर रो रही थी। अरे मत रो,सब ठीक हो … Read more

आज वो बहू भी बन गयी थी और भाभी भी – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

ज़िन्दगी कभी कभी ऐसे मोड़ पर ले आती है कि दो में से एक रास्ता चुनना मुश्किल हो जाता है, पर हम जिस मोड़ पर मुड़ते हैं वो रास्ता सही तो होता है लेकिन अपनों की नाऱाज़गी भी साथ-साथ चलती है , कुछ ऐसा ही रास्ता चुन लिया था अतुल ने, जब उसने रश्मि के … Read more

 “नमक मिर्च लगाना” – रजनी रियाल : Moral Stories in Hindi

गाँव की गलियों में मीरा की बातें हमेशा चलती थीं। कभी उसके नई साड़ी की चर्चा, तो कभी उसके पति के शहर से आए पैसे की। पर असली मज़ा तब आता, जब मोहल्ले की औरतें चौपाल पर जुटतीं और मीरा के पीछे नमक मिर्च लगाकर कहानियाँ बनातीं। एक दिन मीरा ने अपनी बेटी की पढ़ाई … Read more

दिखावे की जिंदगी – राजेश कुमार : Moral Stories in Hindi

अमीरचंद नाम के ही अमीर नहीं थे धन दौलत जमीन जायदाद हर उस चीज के मालिक थे जो एक धनाढ्य की पहचान होती है। बस नहीं था तो एक दिल जो किसी के काम आ सके। वैसे वो कई मंदिर कई संस्थाओं के ट्रस्टी थे। जहां कही भी नाम आ सके वहां वो अपने धन … Read more

एक नई शुरुआत – मधु झा,, : Moral Stories in Hindi

शीतल नौ महीने बाद पहली बार मुस्कुराई थी, अपनी नन्हीं सी गुड़िया का चेहरा देखकर उसकी सारी शिकायतें, दर्द, और मायूसियाँ जैसे एक पल में खत्म हो गईं। ऐसा लगने लगा था जैसे उसकी जिंदगी में एक नई सुबह आई हो, जिसने उसके जीवन को फिर से खुशियों से भर दिया हो। शीतल की शादी … Read more

पता नहीं किस जमाने में जी रही है आप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुधा के बेटे के लिए अशोक वर्मा जी की बेटी सिमरन का रिश्ता आया। पढ़ी-लिखी ,देखने में सौम्य,सुंदर लगी  सिमरन । सारी जानकारी देख सुधा को अपने बेटे सुमित के लिए योग्य लगी । सुमित कुछ दिनों की छुट्टी पर आया था तो वह और सुमित दोनों सिमरन को देख आये। सुधा और सुमित ने … Read more

धूल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : – “सत,तुम कहना क्या चाहती हो, मैंने पापा के बाद क्या तुम्हें किसी चीज की कमी होने दी है, जो तुमने चाहा और जितना मुझसे बन पड़ा मैंने तुम्हारे लिए किया…!.. पर अगर तुम ये चाहो कि मैं कल्पना को इस घर में उसका अधिकार भी ना दूं जिसकी वो … Read more

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