तुझे… सब है पता… मेरी माँ ! – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “रोहन की माँ लो यह अपने पूजा पाठ का सामान… जितना याद आया था सब दुकान से लेकर आया हूँ । इस बार खूब मन से जमकर कृष्णाष्टमी मनाओ क्योंकि कान्हा जी ने तुम्हारी मन की मुराद पूरी की है।” माँ ने चौकते हुए कहा-” कौन सी मुराद ?” पिता … Read more

ईर्ष्या का परिणाम – रश्मि सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : निधि-जागृति बेटा आप रीतिका के पीछे रहेंगी, सारिका तुम रीतिका के साथ गेस्ट को मंच पर लेकर आओगी। सबको अपनी ऐक्टिविटीज़ याद ही है किसको क्या करना है। एवरीवन गॉट माय पॉइंट। बच्चे-यस मैम।  निधि-हाउज़ थे स्पिरिट ? बच्चे-हाई मैम। छुट्टी की घंटी के साथ सब अपना समान पैक करने … Read more

जलन में अंधा – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुमित्रा-“अरे पुष्पा कैसी है और यह मोहल्ले में किस बात की मिठाई बांटी जा रही है, अरे भई हमें भी तो कुछ बताओ।”  पुष्पा-“अरे सुमित्रा, मैं तेरे घर ही आ रही थी। यह लो तुम भी मुंह मीठा करो। मेरी बेटी प्रिया की हैदराबाद में एक बहुत अच्छी कंपनी में … Read more

बस अब और नहीं – शफ़क रश्मि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रीनू आज अपने मायके गई थी। जाते समय वो बहुत खुश थी क्योंकि उसकी छोटी बहन अनु , जिसकी शादी को अभी कुछ ही समय हुआ था, माँ के घर आने वाली थी। जल्दी जल्दी उसने घर के सब काम निपटाए और पति को खबर कर के बेटे को साथ … Read more

बाबूजी की विरासत –  बालेश्वर गुप्ता

 अरे रमेश बेटा जल्दी कर,वहां पहुँचने में देरी हो जायेगी।रास्ते मे ट्रैफिक भी बढ़ जाता है।      बस आया बाबूजी,जरा सब सामान चेक कर लूं,कुछ छूट ना जाये।        रमेश के पिता का वर्षो से नियम था कि वो महीने में एक बार अंतिम मंगलवार को कुष्ठ आश्रम में कुछ कपड़े ,कुछ खाने का सामान,दवाइयां आदि लेकर … Read more

बेटी के घर में माँओं का दख़ल – कल्पना मिश्रा

“आज क्या-क्या खाया? किसने बनाया?”  “अच्छा, तो तेरी सास क्या कर रही थीं? वो आराम फ़रमाती रहती हैं क्या? “ “क्या? तेरे सास,ससुर भी तेरे साथ पिक्चर /बाज़ार जाते हैं? मतलब? हर जगह पीछे-पीछे लगे रहते हैं, तुझे प्राइवेसी नही देतें?” “नौकरानी नही है तू, क्यों जुटी रहती है?अबकी बार कह देना मुझे ज़्यादा काम … Read more

संस्कार के बीज  – पुष्पा जोशी

वसुधा जी ने कहॉ – ‘बेटा नील मुझे बाहर बगीचे में ले चलो। बगीचा क्या था घर के बाहर लान में, शैला ने रंग बिरंगे फूलों की फुलवारी लगा रखी थी, माँ इसे बगीचा कहती थी। रोज शाम को नियम से नील और शैला माँ को बगीचे में ले जाते। नील ने कहॉ – ‘माँ … Read more

दरार !- अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मंजरी ने सौरभ को अपनी दोस्त रिया के साथ देखा तो अंदर की जलन को रोक नहीं पाई उसे पता था जो आज रिया के पास है वो कल तक उसका था सौरभ मंजरी से बहुत प्यार करता था लेकिन उस समय सौरभ की नौकरी साधारण थी और मंजरी … Read more

समय की मार- डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तेल की धार और समय की मार दोनों में एक समानता है… तेल नीचे की ओर बहता है और समय की मार जब पडती है तो अच्छों अच्छों की बुद्धि कुंद हो जाती है।     हरिबाबू और उनकी पत्नी रमादेवी एक-दूसरे को देखते और आहें भरते।   रमा जो अपने पति की … Read more

हां, मै उससे जलती हूं!! -अर्चना खंडेलवाल  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रिंकी, आज तू स्कूल गई थी तो स्कूल में कुछ महत्वपूर्ण बात हुई तो मुझे बता दे, मै अभी दो दिन और स्कूल नहीं आ पाऊंगी, मेरे दादाजी की तबीयत ठीक नहीं है, और मै यहां गांव में अपने मम्मी-पापा के साथ आई हूं, श्रेष्ठा ने अपनी सहेली रिंकी को … Read more

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