दायित्व अपने अपने – माधुरी गुप्ता: Moral stories in hindi

न जाने क्यों अनुज का मन अतीत की तरफ लौट रहा था,उसके दिमाग में उसके साथ हुईं बचपन की घटनाऐं किसी चलचित्र की तरह सामने आरही थी। लगा कि मैं एक बार फिर से अनाथ होगया हूं।मेरा दायित्व उठाने बाली जीजी मां मेरा साथ छोड़ कर चली गई थी।उनके साथ बिताए गए ३० साल सामने … Read more

घर की नींव घर के मेहमान हो गए – मीनाक्षी सिंह: Moral stories in hindi

दादा जी…. आप और दादी कितने दिन तक रहेंगे हमारे घर ?? छोटा सा अंकुश पिछले  दिन ही आयें,,,दादाजी की गोद में बैठा बोला….. पोते के मुंह  से यह बात सुन दादा निरंजन जी और दादी कमलाजी दो मिनट को तो जैसे शांत से हो गए….. क्यूँ रे लल्ला ….. अम्मा ,, बाबा सुहा ना … Read more

कामचोर – कान्ता नागी: Moral stories in hindi

कामिनी देवी घर की मुखिया थी।उनका हंसता खेलता परिवार था।पति केशवदासजी बड़े सुलझे हुए इंसान थे।जो कानपुर शहर के बहुत बड़े बिजनेसमैन थे।वे रेडीमेड पोशाकें सभी वर्गो के लिए बनाते थे। कामिनी देवी के सरल स्वभाव के कारण जो भी उनके शोरूम मे आता दो तीन पोशाकें अवश्य खरीद कर जाता था क्योंकि केशवदासजी मार्केटिंग … Read more

अर्द्धांगिनी (भाग 2)-अभिलाषा कक्कड़: Moral stories in hindi

श्वेता राकेश और शोभा की दूसरी सन्तान थी । जिसकी दस साल पहले दिल्ली में कार्यरत सोफ्टवेर इंजीनियर समर्थ के साथ शादी हुई थी । समर्थ के माता-पिता राजस्थान के रामगढ़ शहर में रहते थे । समर्थ अपनी पत्नी सात साल की बेटी और पाँच साल का बेटे के साथ दिल्ली में एक किराए के … Read more

जो मेरे साथ साथ हुआ वो तुम्हारे साथ नही होने दूँगा – आराधना सेन : Moral stories in hindi

दुर्गा देवी का चेहरा सुबह से ही मुर्झया हुआ था कल भाईयो की बातो को सुनकर वह काफी परेशान थी उसे समझ नही आ रहा था वह कैसे अपनी बात कहे आज तक वह चुपचाप सब कुछ सहन कर रही थी इसके सिवा उसके पास कोई उपाय भी न था,जब एक महिने के बच्ची के … Read more

रिश्तों की डोर – संगीता त्रिपाठी   : Moral stories in hindi

  बरसों बाद आज रिश्तेदारी की एक शादी में नीता की मुलाकात देवरानी विभा से हुई..। नीता ने विभा को देख दूसरी तरफ मुँह घुमा लिया पर विभा दौड़ कर आई और नीता के पैर छू बोली “कैसी हो दीदी “   लोग नीता और विभा को ही देख रहे थे, ये देख नीता ने कहा “ठीक … Read more

मेरी भी कुछ अहमियत है या नहीं – ऋतु अग्रवाल   : Moral stories in hindi

   ” मोहित कहाँ हो बेटा? उठो, स्कूल नहीं जाना है क्या?जल्दी से तैयार हो जाओ। फिर मुझे भी दफ्तर जाना है।”मंजरी ने अपने आठ वर्षीय बेटे मोहित की चादर खींची तो कुनमुना कर आँख मसलते हुए मोहित उठ तो गया पर अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ।        “क्या बात है? उठो, फटाफट!”बिस्तर समेटते … Read more

जो मेरे साथ हुआ वह तेरे साथ नहीं होने देंगे – मनीषा  सिंह  : Moral stories in hindi

आज सुबह-सुबह संदीप चाय के कप के साथ अखबार के पन्नों में खोया था, कि तभी वह चौंक उठा ।  जब उसने कोटा में हो रहे बच्चों की सुसाइड वाली घटना को पढ़ा । संदीप एक बैंक कर्मी था और पत्नी शैली होम मेकर। इनके दो बच्चें बेटा अभिराज और बेटी नव्या जो कक्षा सात … Read more

जो मेरे साथ हुआ वह तेरे साथ नहीं होने देंगे – डा. इरफाना बेगम  : Moral stories in hindi

रिषा के बच्चो का नामकरण है। वह अपने दोनो बच्चों को लिये बैठी है। घर में काफी चहल पहल है। इतने में रिषा की मां आई और बोली रिषा ईष्वर की कृपा से तुमको दोगुनी खुषी मिली है। अपने एक बच्चे को अपनी बहन को दे दो, वह अकेली है उसको सहारा हो जायेगा। रिषा … Read more

माथा- पट्टी – करूणा मलिक : Moral stories in hindi

पूनम , अब मेरी दो दिन की छुट्टी है । देख, कल और परसों मेरे साथ लगकर स्टोर की सफ़ाई करवा दे। इस बार तो दीवाली पर भी स्टोर को छोड़ दिया था । ठीक है दीदी । कल सुबह सात बजे आ जाऊँ ?  अरे नहीं, कल मैं भी आराम से उठूँगी । ऐसा … Read more

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