“एल्बम ” – सेतु कुमार: Moral stories in hindi

तीन महीने होने को आए थे वंदना को मायके में ठहरे हुए. दोनों भाई आज भी जब  रात में दुकान से लौटते थे तो अपनी बहना के पास मिनट भर रुक कर उसका हालचाल लेकर ही अपने अपने कमरे में जाते थे.पर बड़ी भाभी के व्यवहार में कुछ कुछ बदलाव सा दिखने लगा था. अभी … Read more

समयचक्र – हिमांशु जैन : Moral stories in hindi

अरे सीमा, ये क्या कर रही हो? आज ऑफिस नहीं जाना है क्या? सासू मां ने सीमा को देर तक लेटे हुए देखा तो पूछने लगीं। जी मां.. आज तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो सोचा घर पर ही थोड़ा आराम करती हूं। अच्छा, ठीक है। तुम कुछ देर सो लो, तब तक … Read more

याराना – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ देख सुमन अपने बेटे से कह दे,मेरी रानी से दूर रहें, कल तक दोनों साथ हँसते बोलते थे तो सही था पर अब ये सब शोभा नहीं देता,तू समझ रही है ना, अब लोग मेरी रानी पर उँगली उठाने लगे हैं कह रहे हैं देखो इसको अभी अभी ऐसा हादसा हुआ और ये आशिक … Read more

सोने चाँदी का भेद – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

दमयंती जी के घर आज सुबह से ही सारे लोग शाम के उत्सव की तैयारी में जुटे हुए थे। ख़ुद दमयंती जी एक एक काम की बारीकी से जाँच पड़ताल कर रही थीं। आने वाले मेहमानों की फ़ेहरिस्त लंबी होती जा रही थी। घर की साजों सज्जा में कोई कमी नहीं थी। शाम को घर … Read more

मन के खिलाफ – सुभद्रा प्रसाद  : Moral stories in hindi

आशा देवी की तबियत ठीक नहीं थी |चार दिन से उन्हें बुखार था, जो कभी उतर जाता, कभी फिर हो जाता | डाक्टर ने उन्हें देखा था और दवा भी दी थी, फिर भी वे ठीक नहीं हो पाई थी | वह अब ठीक होना भी नहीं चाहती थी | वह अपने जीवन से निराश … Read more

खिलाफ़ – लक्ष्मी कानोडिया : Moral stories in hindi

युवराज, बेटा युवराज मैं जरा पड़ोस में जा रही हूं। अपने नए पड़ोसी आए हैं। अभी-अभी शिफ्ट हुए हैं। जाकर पूछती हूं कहीं उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं। मैं रसोई संभाल दी है पीछे से चौक वाली आएगी तो उस से बर्तन मंजवा लेना। घर का ध्यान रखना ठीक है। अपने युवा बेटे  … Read more

खिलाफ़ – गौरी शुक्ला : Moral stories in hindi

“अनु !! अनु !! ,”  रमाकांत जी घर आते ही चिल्लाए “क्या हुआ है क्यों इतने गुस्से में बुला रहे उसे? “रमाकांत जी की पत्नी रीमा देवी जी बोली। “कहां है तुम्हारी लाड़ली बुलाओ उसे “ “क्या हुआ पापा आपके बुलाया? ” (रमाकांत जी और रीमा देवी की बेटी अनु ने आते हुए पूछा ।) … Read more

फैसला – आशा किरण : Moral stories in hindi

कोरोना की दूसरी लहर में जब  बॉस गिरफ्त में आए तब किसी ने यह सोचा तक न था कि वह जिंदगी से जंग हार जाएंगे.  उनके इस अकस्मात निधन का असर यह रहा कि ऑफिस पर सदा के लिए ताला लग गया. तब से ही घर पर हूं मैं.  50 की उम्र में जहां लोग … Read more

उड़ान – संजय मृदुल : Moral stories in hindi

मैं तुम्हे जाता देख रही हूं, जेबों में हाथ डाले सर झुकाए। थोड़े कंधे भी झुके हुए हैं मंथर गति से। मैं बालकनी में खड़ी हूं और तुम   बीते समय की तरह गुजर गए चुपचाप। न कदम ठिठके, न नजर उठी। तुम्हारी पीठ दिखाई दे रही है जाते हुए। अजीब सा सुकून मिल रहा … Read more

सिरफिरे लोग – भगवती सक्सेना : Moral stories in hindi

एक छोटे से जिले में डीएम बनकर आये थे राघवेंद्र जी, अभी पंद्रह दिन ही हुए थे। अचानक एक दिन एक साधारण सा आदमी रोते रोते आफिस में घुस गया, पीछे से दरबान दौड़ता आया, “सर, बहुत रोका, पर ये सुन ही नही रहा।” “साहब, देखिए, क्या ज़माना आ गया, मेरी बेटी दसवीं में पढ़ती … Read more

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