रीना की ममता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना की शादी तीस साल पहले एक ऐसे घर में हुई, जहां उसकी विधवा सास और पांच छोटे छोटे देवर-ननदें थीं। उसका पति सबसे बड़ा था। रीना बेहद दयालु और ममतामयी थी। सास हमेशा बीमार रहती थीं। रीना ने उनकी भरपूर सेवा की और सब बच्चों को अपनी संतान की तरह पाला। सास हमेशा उसे … Read more

“नया सवेरा” – डॉ  विद्यावती पाराशर : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे थे। रमा अपने छोटे से घर में किचन में काम कर रही थी। किचन से हल्की हल्की खुशबू आ रही थी, पर उसके चेहरे पर वही पुराने दिन का थकान और भावनाओं का बोझ साफ़ झलक रहा था। इतने वर्षों में रमा ने जाने कितनी मुश्किलें देखी थीं। पंद्रह साल पहले … Read more

बेटी, बहन, बुआ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

डोली आ गई, माँ जल्दी करो, भाभी भैया कार से उतर चुके है, अभी तक आरती की थाल तैयार नहीं हुई, चलो हटो, तुमसे न होगा पूनम लगातार बोले जा रही थी। उसने फटाफट माचिस से दिए को जगाया। माँ को माचिस ही नहीं मिल रही थी, बारात में जाते समय मेड संतोष को बोल … Read more

माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना की बेटी प्रज्ञा एक सीधी-सादी, शांत स्वभाव की लड़की थी। बचपन से ही उसने कभी झूठ नहीं बोला था। रीना को उस पर आंख बंद करके भरोसा था। प्रज्ञा अपनी माँ से हर छोटी-बड़ी बात साझा करती थी — चाहे वह स्कूल की परेशानी हो, कोई दोस्ती का किस्सा, या दिल की कोई उलझन। … Read more

वक़्त से डरो –  गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

किसी समय राजा-महाराजाओं जैसी शान रखने वाले गाँव के ज़मींदार व्यापारी सज्जन कुमार आज खाट पर पड़े पड़े मृत्यु का इंतज़ार कर रहे हैं । उनकी सेवा-सुश्रुभा करने वाले नौकर-चाकर भी परेशान हो गए हैं और कुड़ कुड़ कर देखभाल के नाम पर बस रसमअ दायगी करते हैं । “कब तलक गोड़ रगड़ेगो सज्जना अब … Read more

पत्थर दिल – अंकित चहल : Moral Stories in Hindi

हे भगवान कैसे पत्थर दिल आदमी से शादी हुई है। मेरा तो भाग्य ही ख़राब है। इस आदमी को मेरी भावनाओं की कोई कद्र नहीं। रश्मि लगातार बोले जा रही थी, अतुल चुपचाप आॅफिस के लिए तैयार हो रहा था।                    रश्मि और अतुल काॅलेज के समय से ही दोस्त थे, रश्मि अतुल को पसंद करती … Read more

बहू के मायके से आए लडडू !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

सुनीता जी ने पुरी रसोई छान मारी मगर उन्हें कहीं बेसन का डिब्बा नजर नहीं आया , उनके पति मुकेश जी को बारिश के मौसम में पकोडे खाने का बहुत मन कर रहा था , वे बाहर बरामदे में बैठे पकोड़ो और चाय का इंतजार कर रहे थे !! सुनीता जी को याद आया कि … Read more

आंचल पसारना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 मानसी की शादी के कुछ दिन बाद ही भाई रमन की किसी बात को लेकर उस से अनबन हो गई ! यूं तो मानसी अक्सर अपने भाई रमन को याद करती रहती थी मगर दो दिन बाद ही राखी का त्यौहार था ! उसे रह रहकर अपने भाई रमन की बहुत याद आ रही थी … Read more

वक्त से डरो – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

अरे! क्या हुआ इतनी रात में लगभग चार-पांच दोस्त रमेश को लेकर घर आए …देवकी डर गई मेरे पति को क्या हो गया है?  रमेश कभी किसी की बात नहीं सुनता था बहुत जिद्दी प्रवृत्ति का था।  देवकी कई बार उसे सचेत कर रही थी कि तुम वक्त से डरो !अपने ऊपर ध्यान दो अपने … Read more

तुम सा नहीं देखा – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

मुंबई सपनों का शहर…शायद ही कोई होगा जिसे मुंबई आने का  मन ना हो….ये शहर खींचता है अपनी तरफ…..जगमगाती सड़कें, समंदर, गगन को चूमती हुयी इमारतें, .फैशन भी तो यहीं से शुरू होत है…… कहते है जो एक बार यहाँ आ जाए फिर उसका मन यहीं लग जाता है…. शाम के पाँच बजे मुंबई का … Read more

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