हर आंसु का हिसाब हुआ पूरा – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi
“मां, आप फिर रो रही हैं?” बड़ी बेटी ने आधी रात को जागकर मां को तकिए में मुंह छिपाकर सिसकते देखा। राधा ने सिर फेरते हुए कहा, “नहीं बेटा, ये तो बस थकान है।” “मां, अब हम बच्चे नहीं हैं, आपकी आंखों के हर आंसू का मतलब समझते हैं।” राधा ने उन्हें सीने से लगा … Read more