वसीयत – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

वृंदा को नए शहर के इस मुहल्ले में आए दो महीने होने को आए, पंरतु अभी तक किसी से भी उसकी ठीक से जान पहचान नहीं हुई थी। कुछ समय तो वो भी व्यस्त रही, बच्चों की स्कूल कालिज की एडमिशन और घर सैट करने में। पति की बैंक की नौकरी के कारण हर तीन … Read more

हर आंसु का हिसाब हुआ पूरा – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“मां, आप फिर रो रही हैं?” बड़ी बेटी ने आधी रात को जागकर मां को तकिए में मुंह छिपाकर सिसकते देखा। राधा ने सिर फेरते हुए कहा, “नहीं बेटा, ये तो बस थकान है।” “मां, अब हम बच्चे नहीं हैं, आपकी आंखों के हर आंसू का मतलब समझते हैं।” राधा ने उन्हें सीने से लगा … Read more

मैं तुम्हारा बाप हूँ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

 “ बेटा नवीन, अगर हैं तो पाचं सौ रूपए देता जा, तेरी मां की शूगर की दवाई खत्म हो गई है,दवाई खाए बगैर वो खाना नहीं खा सकती”।      अभी पिछले हफ्ते ही तो दिए थे एक हजार रूपए, अब कहां से लाऊं इतने पैसे, दुकान तो घाटे में जा रही है, यह कह कर नवीन … Read more

आंचल पसारना – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

सरिता जी रसोई से निकलकर ड्राइंगरूम की खिड़की के पास आकर बैठ गईं। हाथ में चाय की प्याली थी, लेकिन नज़र कहीं दूर ठहरी थी। उनके पति, श्याम बाबू, आज अपना बासठवां जन्मदिन मना रहे थे। घर शांत था। मोमबत्तियाँ, मिठाई की थाली, और केक — सब कुछ था… सिवाय बच्चों की आवाज़ के। नीरज … Read more

सावन के झूलें – सरिता कुमार : Moral Stories in Hindi

सिद्धार्थ जब भी घर आते तो मेघा अजीब सी परेशान हो जाती । कुछ अस्त व्यस्त सी बड़ी अनमनी सी । पानी का गिलास सिद्धार्थ के बजाए पापा को पकड़ाने चली जाती और किताब काॅपी किचन में रख देती और  जाकर कोने में खड़ी हो जाती । फिर उसके पापा आवाज़ लगाते तब आकर बैठती … Read more

वक्त से डरो – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

देवकी जी का बड़े बेटे सूरज पर  कुछ ज्यादा ही स्नेह बरसता था। वह जब भी कुछ मीठा बनाती, तो सूरज के पसंद का ही मीठा बनाती थी ।यहां तक की कोई खाने की वस्तु भी होती, तो अपने बड़े बेटे सूरज को थोड़ा ज्यादा देती ।  अक्सर शर्मा जी अपनी पत्नी देवकी से बोल … Read more

“जब वक्त ने आईना दिखाया” – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सुनंदा एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर महिला थी। दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षक थी। उसका विवाह एक मध्यमवर्गीय, परंपरागत सोच रखने वाले परिवार में हुआ था। पति विवेक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, स्वभाव से सीधे-सादे और मां के बहुत आज्ञाकारी। सास, शोभा देवी, पुराने जमाने की थीं, जहां बहू को सिर्फ चुप रहना, सेवा करना और … Read more

राखी का धोखा – सुनीता मौर्या “सुप्रिया” : Moral Stories in Hindi

सुबह के चार बज रहे थे कोई  दरवाजे  की सांकल जोर जोर से किवाड़ पर मार रहा था। ऐसा लग रहा था कि किवाड़ ही तोड़ डालेगा। सुमित्रा नींद से उठी उसे समझ नहीं आ रहा था, इतनी सुबह कौन आया और इतना बेसब्री से किवाड़ कौन  पीट रहा है। उसने पूछा,” कौन है?” दरवाजेके … Read more

रीना की ममता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना की शादी तीस साल पहले एक ऐसे घर में हुई, जहां उसकी विधवा सास और पांच छोटे छोटे देवर-ननदें थीं। उसका पति सबसे बड़ा था। रीना बेहद दयालु और ममतामयी थी। सास हमेशा बीमार रहती थीं। रीना ने उनकी भरपूर सेवा की और सब बच्चों को अपनी संतान की तरह पाला। सास हमेशा उसे … Read more

“नया सवेरा” – डॉ  विद्यावती पाराशर : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे थे। रमा अपने छोटे से घर में किचन में काम कर रही थी। किचन से हल्की हल्की खुशबू आ रही थी, पर उसके चेहरे पर वही पुराने दिन का थकान और भावनाओं का बोझ साफ़ झलक रहा था। इतने वर्षों में रमा ने जाने कितनी मुश्किलें देखी थीं। पंद्रह साल पहले … Read more

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