श्रद्धा के फूल – अभिलाषा कक्कड़

बाबा बाबा !! की आवाज़ लगाती मुनिया जब अपने पिता के पीछे दौड़ी तो रामा ने एकदम से अपनी रिक्शा रोक ली । अरे उठ गई हमारी बिट्टो रानी क़ह कर झट से बिटिया को गोद में उठा लिया । बाप बेटी का प्यार देखकर सामने खड़ी रामा की पत्नी  बिंदिया अपने सिर के पल्लू … Read more

गुरुदक्षिणा – नताशा हर्ष गुरनानी

अजय की मौत की ख़बर ने जैसे अंजली को तोड़ ही दिया। बदहवास सी बस रोते ही जा रही थी; माँ पापा सब परेशान थे। अजय, अंजली बचपन से ही एक साथ पले, बढ़े थे। अजय, अंजली के पापा के घनिष्ट मित्र का बेटा था। 4 साल की उम्र में उसके माता पिता एक प्लेन … Read more

लाड़ो – मधु शुक्ला

शान्ति देवी ने जब से बेटे का विवाह किया है। उनकी जिंदगी बदल गई है। सुंदर, सुशील, कमाऊ बहू की बढ़ाई करना, जेवर खरीदना और किटी पार्टियों की शोभा बढ़ाना उनकी दिनचर्या बन गई थी। बहू अपनी कमाई से घर चलाती थी। तो शांति देवी को सुअवसर मिल रहा था। पति की कमाई बचाने का। … Read more

नहीं पता था, तेरे भी दो चेहरे है – अर्चना कोहली “अर्चि”

“अम्मा। ओ अम्मा”। ऑफिस से आते ही चाय पीने के बाद सुधीर चिल्लाया। क्या बात है मुन्ना। क्यों चिल्ला रहा है”। “अम्मा, कितनी बार कहा है, मुझे मुन्ना न कहा करो। अब मैं बहुत बड़ा ऑफिसर हूँ। कोई सुनेगा तो मज़ाक बन जाएगा”। “नाराज़ न हो बेटा। भूल जाती हूँ। उम्र का तकाजा है। अब … Read more

बूढ़ी सास रसोई में खपे और बहू मजे करे- आरती झा आद्या

नई नवेली दुल्हन राखी शर्माई सकुचाई सी सुबह पांच बजे ही उठकर तैयार होकर कमरे से बाहर निकली तो सामने ही सासु मां दिख गई। राखी उन्हें देखते ही झुककर पैर छू कर खड़ी हो गई। इतनी सुबह सुबह क्यों जाग गई बहू…वो तो हमारा जमाना था जब सास से पहले बहुओं के जागने का … Read more

मित्रता और पद – संजय मृदुल

मंच पर परिचय का सिलसिला जारी है, एक एक कर परिवार आते जा रहे हैं और सबके सम्मुख अपने और परिवार के बारे में बता रहे हैं। स्कूल के पुराने छात्रों का मिलन समारोह चल रहा है। रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में देश विदेश में निवास कर रहे पूर्व छात्रों … Read more

वृद्धाश्रम – सीमा पण्ड्या

चलो आज माँ को वृद्धाश्रम दिखा ही लाता हूँ। बड़े बेटे ने अपनी पत्नी से कहा तो ७५ वर्षीय सावित्रीदेवी भौंचक हो कर बेटे का चेहरा देखने लगीं। बेटे के चेहरे पर गंभीरता थी बोला “ माँ एक नयावृद्धाश्रम बना है, जल्दी से तैयार हो जाओ, आज आपको वहाँ की सब सुख- सुविधाएँ दिखा लाता … Read more

मुखौटे पर मुखौटा – सुषमा यादव

नीलू मार्केट गई थी,उसका फोन बार बार बजे जा रहा था। घर आकर देखा तो उसके मामा ससुर के पोते का फोन था,चार पांच मिस्ड कॉल थे। फिर फोन आया, उसने हेलो कहा और व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ कहा,,कहो, आज़ ढाई साल बाद कैसे मेरी याद आई, उधर से रमेश की आवाज आई, अरे,आप … Read more

नक़ाब – ममता गुप्ता

अरे!! मोहनदास जी आप हमे तो बस रोटी बेटी चाहिए।। हमारे पास भगवान का दिया सबकुछ है,बस कमी है तो सिर्फ एक बहू के रूप में बेटी की।। और मैं वादा करता हूँ कि तुम्हारी बेटी रिया को कभी भी किसी तरह की कोई परेशानी नही होगी…गर वो शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी … Read more

बाल-विधवा – पुष्पा पाण्डेय

काकी थकी हारी हाट से आई, लेकिन उसके चेहरे पर खुशी की चमक थी। आज उसके सारे अमरूद, नींबू बिक चुके थे। उसकी टोकरी में जो दो अमरूद बचे थे उसे काकी हाट के गेट पर बैठी उस बच्ची के  हाथ में थमा दिया जो माँ के साथ भीख मांग रही थी। काकी घर आकर … Read more

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