सम्मान बना अभिमान – गुरविंदर टूटेजा 

जोरो-शोरों से शादी की रस्मों के बाद आज विनीता की विदाई हो रही थी सबसे मिल रही थी पापा-मम्मी व भाई से मिलकर उसका व उनका हाल बहुत बुरा था पर जाना तो था ही….!!!!    विदाई के बाद नयी दुनिया में बहुत सुंदर स्वागत हुआ बहुत प्यारा परिवार था…पति अभिषेक ,पापा-मम्मी, जेठ-जेठानी , उनके दो … Read more

अभिमान – अविनाश स आठल्ये

ये देखो नितिन, हर्षल गुप्ता भी तो तेरे साथ पढता था न, उसे भी बैंक में जॉब लग गया है, उसके माँ बाप का भी सीना गर्व से  किंतना चौड़ा हुआ होगा सोचो.. नितिन की माँ सुंगधा ने कहा। तुझे पता है, विभा भी सिविल सर्विसेज के लिए सिलेक्ट हो गई है, तू कुछ बनेगा … Read more

व्याहता – डाॅ उर्मिला सिन्हा

   आंगन में शोर सुनकर गौरी के पांव अनायास ही उस ओर मुड़ गये।सभी के होठों पर जैसे ताले जड़ गये।होंठ चुप,परंतु आंखों में छिपे हुए रहस्य …ताले जडे़ अधरों पर मुस्कान की वक्र रेखा ।एक दुसरे की ओर कनखियों से इशारे करती ननदें-जिठानियां ।श्वेत साडी़ में  विधवा सास द्रुतगति से सरौता चलाने लगी ।महरियांं इधर-  … Read more

पैसा बचाके रख अमित…. – मीनाक्षी सिंह

क्या पापा ,कितनी बार कहा हैँ कि इस  ये घिसे  पीटे कूलर को सही मत किया करो ,कितना पुराना हो गया हैँ ,हर गर्मी में लेकर बैठ ज़ाते हैँ आप ….इतनी कड़ी धूप में मोटर सही करते हैँ …साफ करते हैँ …घास लगाते हैँ….एसी लगवा देता हूँ आपके कमरे में भी …ज़माने चले गए कूलर … Read more

 अभिमान का कीड़ा –    विभा गुप्ता

 ” क्या छोटी भाभी,आप छोटी-सी बात को तिल का ताड़ क्यों बना रहीं हैं।बच्चा है, खेलते हुए एक खिलौना टूट ही गया तो क्या हुआ?” नैना ने दिव्या को समझाने का प्रयास किया तो वह बिफ़र पड़ी, ” खिलौना..! तुमलोगों ने कभी मंहगे खिलौने देखे भी हैं क्या।ये तो मेरा भाई जापान से लाया जिसे … Read more

धोखा – गणेश पुरोहित

     मैं गांव में रह कर राजनीति करता रहा और सुधीर शहर जा कर एक बड़े राजनेता का शार्गिद बन गया। राजनीति में आगे बढ़ने के गुर उसे आगये। मैं गांव की राजनीति करते- करते सिर्फ सरपंच बन कर रह गया और वह एमएलए, सांसद और मंत्री बन गया। उसके पास तिकड़मी धूर्तता और बेईमानी से … Read more

एक शादी ऐसी भी – सुषमा यादव

किसी शादी में चले जाएं तो लोग इतना दिखावा करते हैं,हम हैरान रह जाते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अमीरों या उच्च मध्यम वर्गीय लोगों जैसे पानी की तरह बेतहाशा पैसा शादी में बहाएं। पर कुछ लोग दिखावे में आकर खूब धूमधाम से शादी करेंगे। वो भला किसी से क्यों … Read more

 मैं  ही क्यों ? – पूनम अरोड़ा

वैदिक मैसेज कर रहा था रिमि को ” मुझे पीहू के साथ अचानक रेस्ट्रां में  देखकर अपने मन में  मेरे  उसके साथ किसी रिश्ते की काल्पनिक  अवधारणा  बना कर तुम बिना कुछ  पूछे , बिना कहे एक मिनट में सब  कुछ खत्म करके मायके चली गई । मैंने कितनी बार तुमसे  बात करने की कोशिश  … Read more

अभिमान या स्वाभिमान – नीलिमा सिंघल

बनारस रेलवे स्टेशन के बाहर गौरी अपनी रिक्शा पर बैठी कोई सवारी मिलने का इंतजार कर रही थी। गाड़ी आ चुकी थी। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। सभी को अपनी मंज़िल पर पहुंचने की जल्दी थी। बाहर बहुत से रिक्शा वाले थे। उन सब में एक गौरी ही अकेली लड़की थी जो रिक्शा चलाती थी। … Read more

अभिमान किस बात का – संगीता अग्रवाल

” बेटा तेरे पापा के दोस्त है ना नरेश अंकल उन्होंने तेरे लिए एक रिश्ता बताया है !” नैना जी अपनी बेटी रीत से बोली। ” मम्मा अभी क्या जल्दी शादी की आप लोग भी ना बस !” रीत झुंझला कर बोली।  ” बेटा अठाइस साल की हो चुकी हो हर चीज वक़्त से हो … Read more

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