*गांव की लाज* – आसिफ त़ालिब शेख : Moral Stories in Hindi
रूपा के बापूऽऽऽ अरे ओ रूपा के बापूऽऽ दिन ढलने को आ गया अब तो अंधेरा फैलने लगा है रूपा अभी तक घर नहीं लौटी अब कोई छोटी बच्ची तो ना रही हाथ पीले करने की आयु हो गई है उस की इतने समय तक घर से बाहर रहना उचित नहीं और तू यहां चौपाल … Read more