अंगारे उगलना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोनम रोती हुई घर का सारा काम कर रही थी। तभी सासु माँ की नजर सोनम पे गयी ,बोली क्या मुँह लटका के काम करती हो, कितना अशुभ होता है ।घर की बहु दुखी हो के काम करे ।थोड़ा सा रोहित(सोनम का पति)ने बोल दिया, तुम तो तिल का ताड़ बना देती हो, चलो जल्दी काम खतम करो।बगल वाले शर्मा जी का परिवार आने वाला है, सोनम ने कुछ बोला नहीं बस अपने काम में लगी रही।

शर्मा जी और उनकी पत्नी बच्चे सब आ गये। सोनम भी अच्छे से तैयार हो के चाय नास्ता ले के आई। तभी रोहित भी आ गया। आते ही बोला सोनम मेरे लिये एक अदरक वाली चाय बना के ले आओ। बहुत सर में दर्द है। सोनम तुरंत गयी और अदरक वाली चाय बना के ले आयी ,साथ में सर  दर्द की दवा भी ले आयी। शर्मा जी बोले सोनम बेटा तुमने बहुत अच्छा नास्ता बनाया है,

रोहित ने बोला, चाय पी के तो मज़ा आ गया। सोनम के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी। अपनी तारीफ सुन बहुत खुश थी सोनम। सोनम ने बोला अंकल आप लोग बैठिये रात को खाना खा के जाइयेगा। बस मैं थोड़ी देर में बना देती हूं,

इतना बोल, सोनम रसोई में चली गई। अचानक रसोई से बर्तन गिरने की आवाज आई , सोनम की सासु माँ  ,भाग के रसोई में गयी और सोनम को “जली कटी”सुनाने लगी।एक काम भी सही से नही करती हो, तभी शर्मा जी की पत्नी भी पीछे से गयी और उनकी नजर सोनम के हाथ पर गई जिसमे से खून निकल रहा था, सोनम गिलास ले के गिर गयी थी,

जिस कारण उसका हाथ कट गया था ।शर्मा जी की पत्नी ने तुरंत ही जोर से बोला ,रोहित ,,,रोहित जल्दी आओ, सोनम का हाथ कट गया है, रोहित जल्दी से आया और डॉक्टर के पास ले गया ।सोनम को , डॉक्टर ने पांच टांके लगाए ,औऱ बोला , सोनम सात दिन तक पानी को हाथ नही लगाना , फिर आ के दिखाना। सोनम घर आ गयी। सोनम की सासु माँ सोनम के हाथों पर लगी पट्टी देख बोली ,

हे भगवान ये ,,,ये पट्टी, अब घर का काम? झाड़ू, पोछा ,बर्तन, सब कैसे होगा? , तभी शर्मा जी की पत्नी ने व्यंग भरे लहजे में बोला, जाने दीजिए, वैसे भी आप ही तो बोल रही थी, एक काम ढंग से नही करती ।

दिन रात आप “जली कटी “सुनाती रहती है,भगवान ने आप की बात सुन ली लगता है,,,,कुछ दिन ,आप काम कर लीजिए अब । सोनम की सासु माँ के चेहरे पर काम के बोझ का दुख और सोनम के साथ गलत व्यवहार का अहसास भी दिख रहा था।

शर्मा जी की पत्नी ने जाते समय सोनम की सासु माँ से बोला ,आप को कोई भी काम होगा हमको फ़ोन कर देना आप। मैं आ के आपकी मदद कर दूंगी। बस आप सोनम का अच्छे से ध्यान रखना।सोनम की सासु माँ को अब एक एक दिन पहाड़ लग रहा था,

घर में काम वाली लगा दिया।कुछ समय बाद सोनम का हाथ ठीक हो गया। सोनम घर का काम थोड़ा बहुत करने लगी। अब सोनम की सासु माँ को सोनम की कीमत समझ आ गयी ।इस हादसे के बाद  सोनम की  सासु माँ ने अपने व्यवहार में परिवर्तन किया। सोनम अब खुश रहने लगी। 

“बहु हो या कोई भी रिश्ता हो, हर रिश्ते का सम्मान करें।सही शब्दो का प्रयोग करे। बोलने का सही ढंग बहुत से रिश्तो को टूटने से बचा  सकता है” ।

रंजीता पाण्डेय

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