अंगारे उगलना – खुशी : Moral Stories in Hindi

रवि मां बाप का लाडला बेटा था।1 बहन आरती और भाई विशाल था।पिताजी सरकारी नौकरी में थे मोतीलाल मां सरिता देवी गृहिणी थीं पर पति और रवि को अपने काबू में कर रखा था।रवि का बहुत बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर था।

उसकी शादी सविता से हुई । समय के साथ पिता जी का स्वर्गवास हो गया। भाई को अच्छी नौकरी लग गई उसकी तनख्वाह भी अच्छी थी।बहन की शादी भी सम्पन्न परिवार में हुई।रवि वैसे भी जरा जरा सी बात का बुरा मान जाता था।

अब तो वो बात बात में अंगारे उगलने लगा क्योंकि उसको लगता मै कमतर हूँ।वो जहां बैठता शिकायती पुलिंदा शुरु कर देता सब उसको समझाते पर वो सुनता ही नहीं था। हर समय जली कटी सुनाता उसके इस बर्ताव की वजह से सब लोग उससे कटते।

बीवी बच्चे भी जरूरत की ही बात करते।वरना उससे दूरी बना कर चलते। वो घर से बाहर आस पड़ोस वालों से घर वालों की  शिकायत करना। जरा जरा सी बात पर उल्टा सीधा बोलना ये रवि का स्वभाव बन गया। धीरे धीरे घर परिवार पड़ोसी सब उससे दूर होते चले गए और वो अकेला हो गया ।

  दोस्तो कई बार हमे कुछ बाते अच्छी नहीं लगती पर हम इसी सुनते है और  वक्त पर छोड़ भी देते है पर आप दूसरे से जलन में दूसरों को ताने तीसने दोगे तो लोग आपके पास आने से कतराएंगे।

आपकी सखी 

खुशी

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