अंधेरे में रखना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

गीता के मां पापा ने उसकी शादी बहुत ही बड़े घराने में  तय कर दिया  |

सभी परिवार वाले बहुत खुश थे | शादी की तारीख तय  करने गीता के पापा लड़के वाले के घर गए |

वहा देखा की जिस लड़के से शादी तय हुई थी ,वो पूरी तरह से शराब के नशे में धुत था |

गीता के पापा   ने लड़के के पापा   से बोला ,ये सब क्या है ? आपने तो बताया ही नहीं की आपका बेटा नशा करता है ?

अरे समधी  जी आज कल सब बच्चे नशा करते है | मुझे माफ करिएगा | मै अपनी बेटी की  शादी ऐसे लड़के से नहीं कर सकता | आप लोगो ने मुझे “अंधेरे में रखा ”  ये सही नहीं किया | 

समधी जी आप मेरी बात सुनिए ,हम लोगों के पास बहुत पैसा है | आपकी गीता राज करेगी , राज |

आपको गीता को बताने  की जरूरत ही क्या है? गीता के पापा  हाथ जोड़ खड़े हो  गए | बोले नहीं , मै अपनी बेटी को अंधेरे में नहीं रख सकता  |

शादी का रिश्ता विश्वास, सम्मान का होता है | झूठ की बुनियाद पर रिश्ते नहीं बनते | 

रंजीता पाण्डेय

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