गीता के मां पापा ने उसकी शादी बहुत ही बड़े घराने में तय कर दिया |
सभी परिवार वाले बहुत खुश थे | शादी की तारीख तय करने गीता के पापा लड़के वाले के घर गए |
वहा देखा की जिस लड़के से शादी तय हुई थी ,वो पूरी तरह से शराब के नशे में धुत था |
गीता के पापा ने लड़के के पापा से बोला ,ये सब क्या है ? आपने तो बताया ही नहीं की आपका बेटा नशा करता है ?
अरे समधी जी आज कल सब बच्चे नशा करते है | मुझे माफ करिएगा | मै अपनी बेटी की शादी ऐसे लड़के से नहीं कर सकता | आप लोगो ने मुझे “अंधेरे में रखा ” ये सही नहीं किया |
समधी जी आप मेरी बात सुनिए ,हम लोगों के पास बहुत पैसा है | आपकी गीता राज करेगी , राज |
आपको गीता को बताने की जरूरत ही क्या है? गीता के पापा हाथ जोड़ खड़े हो गए | बोले नहीं , मै अपनी बेटी को अंधेरे में नहीं रख सकता |
शादी का रिश्ता विश्वास, सम्मान का होता है | झूठ की बुनियाद पर रिश्ते नहीं बनते |
रंजीता पाण्डेय