जब से डिलीवरी हुई हैं , छोटी बहू कामचोर हो गई हैं मांजी , वर्ना पहले तो फटाफट हाथ चलाती थी , अब तो महारानी को बच्चे का ही ख्याल रहता हैं पुरे दिन , मैं अभी बाथरूम में गई थी तो मैंने देखा कि मैले कपड़े अब तक यूं ही पड़े हैं मांजी , कपड़े धोते धोते महारानी आराम करने चली गई होगी बड़ी बहू सुरेखा बोली !!
सास पदमा जी बोली – अरी सुरेखा , तु क्यों चिंता करती हैं , कपड़ो का ढेर बाथरूम में पड़ा हैं तो पड़ा रहने दे , मैं भी जरा देखूं तो कब तक कपड़े बाथरूम में फैलाए रखती हैं , आखिर धोने तो उसे ही हैं , हम दोनों तो हाथ लगाने वाली नहीं कहकर दोनों सास – बहू हंस पड़ी !!
दूसरी ओर छोटी बहू रेखा जिसका बच्चा अभी सिर्फ दो माह का था वह जोर जोर से रोने लगा था इसलिए रेखा कपड़े धोते धोते बाथरूम से अपने कमरे में गई क्योंकि मुन्ना जाग चुका था और उसकी सास और जेठानी गप्पे हांकने में इतने मशगूल थे कि उन्हें घर में चाहे आंधी आए या तूफान आ जाए कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला था !! मुन्ने को संभालते संभालते आज रेखा की कमर बहुत दर्द कर रही थी !! उसे थोड़े दिन से कभी कमर तो कभी हाथ तो कभी पैर दर्द की शिकायत बनी रहती थी मगर आज तो मानो रेखा दर्द से कराह रही थी , मुन्ने को फिर से जैसे तैसे सुलाया और बाथरूम में भागी तो देखा कपड़े ज्यों के त्यों पड़े थे , उसने फटाफट कपड़े धोए ताकि जल्दी से आकर अपने कमरे में आराम कर सकें !!
कमरे में आकर रेखा ने अपने पति राकेश को फोन किया और बोली – राकेश बहुत दिन हो गए , शरीर का दर्द बढ़ता ही जा रहा हैं !!
राकेश बोला – तुम शाम को मुझे नाथुलाल जी की मिठाई की दुकान के वहां मिलो , वहीं से मैं तुमको डॉक्टर के पास लेकर चलता हुं !! रेखा ने हामी भरी और थोड़ी देर मुन्ने के पास जाकर लेट गई !!
शाम को रेखा ने मुन्ने को तैयार किया , बैग लिया और पदमा जी के पास आकर बोली – मांजी , बहुत दिनों से पुरे शरीर में दर्द हैं , डॉक्टर के पास जा रही हुं , राकेश जी मुझे रास्ते में मिल जाएंगे !!
यह सुनते ही पदमा जी का मुंह बिगड़ गया वे बोली – शरीर में तो दर्द मुझे भी बना रहता हैं , अब इतनी छोटी छोटी बात दिखाने डॉक्टर के पास जाने लगे तो हो गया बंटाधार !!
रेखा पदमा जी के मुंह लगना नहीं चाहती थी इसलिए वह चुपचाप घर से निकल गई , उसके जाते ही सुरेखा ने सासू मां को भड़काना शुरू कर दिया – देखा मांजी , कैसे आपकी बात को अनसुना करके चली गई !! मैं तो आपको पहले से बोलती थी रेखा को बस काम ना करने के बहाने चाहिए !! अब तो छोटी बहू किसी काम की ना रही !!
पदमा जी और बड़ी बहू सुरेखा दोनों की आपस में खुब बनती थी जिसका फायदा सुरेखा भरपुर उठाती थी !! दोनों सास – बहु ने मिलकर सारा काम भी रेखा पर लाद रखा था और हर वक्त उसी की बुराई भी करती रहती थी !!
रेखा और राकेश डॉक्टर के पास पहुंच चुके थे , सारी जांच – पड़ताल के बाद डॉक्टर ने बताया कि रेखा में खुन की बहुत कमी हो गई हैं और डांट भी लगाई कि डिलीवरी के बाद तुरंत घर का इतना सारा काम कौन करता हैं ?? रेखा चुप रही क्योंकि डॉक्टर के इन सवालों का उसके पास कोई जवाब ना था और राकेश भी तो यहीं चाहता था कि घर में कुछ क्लेश ना हो और उसकी मां और भाभी हमेशा खुश रहें इसलिए वह भी हमेशा रेखा को घर के सारे काम अच्छे से करने की सलाह देता ताकि घर में कोई क्लेश ना हो पर आज डॉक्टर की यह बात सुनकर राकेश को बहुत अफसोस हो रहा था !! अपने बड़े भाई सुरेश को हमेशा अपने ही परिवार से ज्यादा प्यार मिलते देख राकेश ने जिंदगी में बहुत से समझौते किए थे उसमें से सबसे बड़ा समझौता यह भी था कि वह कभी सही बात पर भी अपनी पत्नी का साथ नहीं दे पाता था !!
डॉक्टर ने दवाईयां लिख दी और बोला कि रेखा को आराम की सख्त जरूरत हैं वर्ना रेखा का शरीर धीरे धीरे कमजोर हो जाएगा !!
रास्ते में राकेश ने रेखा से कहा कि मैं मां और भाभी से बात करूंगा रेखा , तुम बिल्कुल फिक्र मत करना , देखना तुमने इतने साल सबकी इतनी मन लगाकर सेवा की हैं अब तुम्हें भी सबकी सेवा जरूर मिलेगी !!
राकेश ने घर जाकर डॉक्टर की कही सारी बातें बताई तो पदमा जी बोली – राकेश बेटा , एक काम करते हैं , मैं तेरी पत्नी का काम हमेशा के लिए कम कर देती हुं !! तुम दोनों एक नया घर देख लो ताकि वहां तुम्हारी पत्नी को हम सभी का काम नहीं करना पड़ेगा !! इस बात पर जेठानी सुरेखा भी खुश होकर बोली – मांजी ने बिल्कुल सही कहा , वैसे भी अब रेखा बीमार ज्यादा रहने लगी हैं तो इस घर में उसका क्या काम ??
रेखा की आंखों से टपटप आंसू बहने लगे , राकेश तो मानो मां और भाभी की बातो से अंदर से पुरा टूट ही गया , जिस रेखा ने राकेश के कहने पर बिना आवाज किए सब गम हंसते हंसते सहे , घरवालो के ताने भी सहे फिर भी घर का सब काम किया , आज जब उसे बहुत जरूरत हैं तो सबने हाथ खड़े कर दिए थे !! राकेश भी अब तक अपने घरवालो की खातिर पत्नी की इच्छाओं का कभी आदर नहीं कर पाया था आज उन्हीं घरवालो ने राकेश के साथ विश्वासघात किया था !!
राकेश अपने कमरे में आकर रेखा से बोला – रोओ मत रेखा और सामान पैक करो , अब हम यहां नहीं रहेंगे , हमने इस घर को अपना सौ प्रतिशत दिया हैं मगर मुझे नहीं मालूम था कि हमें यहां से एक प्रतिशत भी नहीं मिलेगा !!
हम यहां से अभी चले जाएंगे , तुम थोड़े दिन अपने मायके में रह लेना , तब तक मैं मेरे दोस्त के घर रह जाऊंगा और थोड़े दिनों में घर का इंतजाम करके तुम्हें भी बुला लूंगा !!
रेखा एक महिने मायके में रही जिससे उसे आराम भी मिल गया और उसका बच्चा संभालने में मदद भी मिल गई , तब तक राकेश ने भी घर का इंतजाम कर लिया था और वह अपनी पत्नी के साथ इस नए घर में आकर रहने लगा !!
दोस्तों , कभी कभी कुछ मर्द अपने घरवालों को खुश रखने के चक्कर में हर समय अपनी पत्नी को झुकाने में या उसका अनादर करते हैं मगर वे भूल जाते हैं कि अंत तक पत्नी ही उनका साथ निभाएगी !!
दोस्तों आपकी इस कहानी को लेकर क्या राय है कमेंट में जरूर बताइएगा तथा ऐसी ही कहानियां पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करें !!
आपकी सहेली
स्वाती जैंन